अहमदाबाद (Ahmedabad)। गुजरात (Gujarat) में चांदीपुरा वायरस (Chandipura virus) तेजी से पैर पसार रहा है. अब तक इसके 71 संदिग्ध मामले (71 suspected cases) सामने आ चुके हैं, जबकि 27 लोगों की मौत हो चुकी है. सूबे के 23 जिलों में इस वायरस के संदिग्ध केस मिले हैं. इसमें साबरकांठा में 8, अरावली में 4, महिसागर में 2, खेड़ा में 5, मेहसाणा में 4, राजकोट में 2, सुरेंद्रनगर में 2, अहमदाबाद शहर में 4, गांधीनगर में 5, पंचमहल में 11, जामनगर में 5, मोरबी में 4, गांधीनगर शहर में 2, छोटाउदेपुर में 2, दाहोद में 2, वडोदरा में 1, नर्मदा में 1, बनासकांठा में 02, वडोदरा शहर में 01, भावनगर में 1, देवभूमि द्वारका में 1, राजकोट निगम में 1 और कच्छ में भी एक संदिग्ध से सामने आया है।
साबरकांठा में 1, अरावली में 2, मेहसाणा में 2, गांधीनगर में 1, पंचमहाल में 1, मोरबी में 1 और वडोदरा में 1 मरीज चांदीपुरा वायरस से संक्रमित पाया गया है. गुजरात के 71 संदिग्ध मामलों में 27 मरीजों की मौत हो चुकी है. इसमें साबरकांठा में 2, अरावली में 3, महिसागर में 1, मेहसाणा में 2, राजकोट में 2, सुरेंद्रनगर में 01, अहमदाबाद शहर में 3, गांधीनगर में 1, पंचमहल में 4, मोरबी में 3, गांधीनगर निगम में 1, दाहोद में 2, वडोदरा में 1 और देवभूमि द्वारका में बी 1 मरीज की मौत हुई है. गुजरात में 41 मरीज भर्ती हैं और 3 मरीज़ अब तक ठीक हो चुके है. इस वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने कुल 17248 घरों में 121826 व्यक्तियों की जांच की है।
क्या है चांदीपुरा वायरस?
साल 1966 में पहली महाराष्ट्र में इससे जुड़ा केस रिपोर्ट किया गया था. नागपुर के चांदीपुर में इस वायरस की पहचान हुई थी, इसी लिए इसका नाम चांदीपुरा वायरस पड़ गया. इसके बाद इस वायरस को साल 2004 से 2006 और 2019 में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में रिपोर्ट किया गया. बता दें कि चांदीपुरा वायरस एक RNA वायरस है, जो सबसे ज्यादा मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी से फैलता है. इसके फैलने के पीछे मच्छर में पाए जाने वाले एडीज जिम्मेदार हैं।
क्या हैं चांदीपुरा वायरस के लक्षण?
चांदीपुरा वायरस होने से रोगी को बुखार की शिकायत होती है. इसमें फ्लू जैसे ही लक्षण होते हैं और तेज एन्सेफलाइटिस होती है. एन्सेफलाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिससे दिमाग में सूजन की शिकायत होती है।
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