चंडीगढ़ । स्वाभिमान के नाम पर विभिन्न राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने वाले लोगों को अब परेशानी आ सकती है। सामाजसेवी, राजनीतिज्ञ और उद्यमी संदीप शर्मा ने ऐसे लोगों को चुनौती दी है कि अगर पुरस्कार लौटाने वालों में स्वाभिमान बाकी है तो उन्हें पुरस्कार के साथ मिले विशेषाधिकारों और भत्तों को भी बिना देरी के वापस कर देना चाहिए अन्यथा वे इस मामले में अदालत में याचिका दायर करने जा रहे हैं। सिर्फ पुरस्कार वापस करने और अन्य सुविधाएं वापस न करने वालों को कानूनी नोटिस भेजे जाएंगे।
आज प्रेस क्लब, चंडीगढ़ में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने उन पुरस्कार विजेताओं को उनके कार्य और प्रतिबद्धता के लिए सलाम किया। साथ ही कहा कि अगर उन्होंने ऐसे पवित्र सम्मान चिन्हों का असम्मान किया है तो वे उन्हें सम्मान में मिली नकद राशि (बिना ब्याज के), शासकीय नौकरी, अगर मिली हो तो कमर्शियल या निवासी मिल्कीयत, शासकीय वाहन और सम्मान तसवीर जो उनके निवासस्थान की दिवारों पर सजी हुई है, उन्हें भी तुरन्त वापस करें।
शर्मा ने आवाह्न किया कि अगर ऐसे पुरस्कार विजेताओं को वाकई उनके कार्य और सत्यनिष्ठा पर अभिमान है तो वे उन्हें मिले हुए हवाई और ट्रेन यात्रा, अपनी निजी सुरक्षा सुविधा तथा विशेषाधिकारों को भी वापस करें। साथ ही अपनी अपनी वेबसाइट पर जो पुरस्कारों का प्रदर्शन किया है उसे भी वापस लें।
उन्होंने कहा कि जिन व्यक्तियों ने अपने राष्ट्रीय / राज्य / विभागीय पुरस्कारों को वापस करने का ऐलान तो किया है लेकिन पुरस्कार से जुड़े विशेषाधिकारों और भत्तों को वापस करने की कोई बात नहीं की है, उनको जल्द ही कानूनी नोटिस भेजने का कार्य शुरू होगा और इसकी सूची उन्होंने तैयार कर ली है।
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