भोपाल। अलग-अलग स्थानों पर बनीं चार मौसम प्रणालियों के असर से प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा का क्रम जारी है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार बंगाल की खाड़ी के अलावा अरब सागर से भी नमी मिलने के कारण वर्षा का दौर अभी दो-तीन दिन तक बना रह सकता है। आज भोपाल, उज्जैन, इंदौर, सागर, जबलपुर, नर्मदापुरम, ग्वालियर संभाग के जिलों में तेज वर्षा होगी। इसी तरह सिवनी, छिंदवाड़ा, देवास, आलीराजपुर एवं सीहोर जिले में भारी वर्षा की संभावना है।
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ममता यादव ने बताया, वर्तमान में उत्तर-पूर्वी मप्र पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। उत्तर-पश्चिम राजस्थान से बंगाल की खाड़ी तक ट्रफ लाइन गुजर रही है, जो उत्तर-पूर्वी मप्र पर बने कम दबाव के क्षेत्र से होकर जा रही है। इन मौसम प्रणालियों के असर से पूरे प्रदेश में मानसून सक्रिय बना हुआ है। ऐसे में कई क्षेत्रों में वर्षा जारी है। मौसम केंद्र के पूर्व वरिष्ठ विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश पर बना कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर आगे बढ़ रहा है। अभी दो-तीन दिन तक वर्षा का दौर बना रह सकता है। भोपाल में लगातार तीसरे दिन बुधवार को भी बादल छाए रहे। कुछ देर के लिए धूप खिली। अलग-अलग हिस्सों में छुटपुट वर्षा हुई। शाम को कई इलाकों में कुछ देर के लिए रिमझिम वर्षा हुई।
अभी यह है सिस्टम
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक ओडिशा से आगे बढ़कर कम दबाव का क्षेत्र उत्तरी छत्तीसगढ़ पर आ गया है। उत्तर-पश्चिमी राजस्थान से लेकर बंगाल की खाड़ी तक ट्रफ लाइन बनी हुई है, जो उत्तरी छत्तीसगढ़ पर बने कम दबाव के क्षेत्र से होकर गुजर रही है। गुजरात से लेकर केरल तक अपतटीय ट्रफलाइन बनी हुई है। इसके अतिरिक्त गुजरात और उससे लगे अरब सागर पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है।
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