नई दिल्ली (New Delhi) । आचार्य चाणक्य को भारत का सबसे महान विद्वान, अर्थशास्त्री और मार्गदर्शक कहा जाता है. चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में धन, संपत्ति को लेकर कई महत्वपूर्ण बातों का जिक्र किया है. चाणक्य के अनुसार, इंसान जाने-अनजाने कई ऐसी गलतियां कर बैठता है, जिससे धन की देवी मां लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) रुष्ट होकर घर से चली जाती हैं. नतीजन लोगों को रुपये-पैसे का नुकसान होने लगता है. आर्थिक मोर्चे पर व्यक्ति कंगाल हो जाता है. लाख कोशिशों के बावजूद धन-संपत्ति (wealth) का अभाव रहता है. आइए आज आपको उन तमाम गलतियों के बारे में बताते हैं, जिनका जिक्र चाणक्य (Chanakya) ने अपने नीति शास्त्र में किया है.
पैसों का खर्च
आचार्य चाणक्य के मुताबिक, बेवजह की चीजों पर पैसा खर्च करने वालों या दिखावा करने वालों को माता लक्ष्मी का आशीर्वाद कभी नहीं मिलता है. ऐसे लोगों पर जब आर्थिक संकट (Economic Crisis) आता है तो उन्हें लंबे समय तक राहत नहीं मिलती है. चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोग स्वयं अपनी बर्बादी का रास्ता खोलते हैं. इंसान को हमेशा सही जगह पर ही पैसा खर्च करना चाहिए.
रसोई गैस पर जूठे बर्तन
चाणक्य के अनुसार, रसोई गैस पर भूलकर भी जूठे बर्तन नहीं रखने चाहिए. चूल्हे के ऊपर या आस-पास जूठे बर्तन रखने से भी मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं. इससे घर की सुख-शांति पर बुरा असर पड़ता है. मान-सम्मान में कमी आने लगती है और घर में दरिद्रता का वास होता है. मां लक्ष्मी के घर से चले जाने का मतलब है कि आर्थिक मोर्चे पर आपका बुरा समय जल्दी ही शुरू होने वाला है.
शाम के वक्त झाड़ू
सूर्यास्त के बाद घर में झाड़ू लगाने से भी माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं. चाणक्य कहते हैं कि शाम के वक्त घर में झाड़ू-पोंछा कभी नहीं करना चाहिए. दरअसल झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक समझा जाता है. इसलिए शाम के समय झाड़ू लगाने से बचें. यदि किसी कारणवश शाम को घर में झाड़ू लगानी पड़ जाए तो समेटा गया कचरा फौरन बाहर न निकालें. उसे अगले दिन सूर्यास्त के बाद ही घर से बाहर करें.
व्यवहार या आचरण
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो लोग बुजुर्ग, विद्वान, महिलाओं या गरीबों को परेशान करते हैं. उनका अपमान करते हैं. मां लक्ष्मी की कृपा कभी उन पर नहीं होती है. दूसरों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों से मां लक्ष्मी सदैव रुष्ट रहती हैं. इसके अलावा, जो लोग माता-पिता तुल्य या शिक्षक के साथ अभद्र भाषा में बात करतें हैं, उन्हें भी मां लक्ष्मी का आशीर्वाद कभी नहीं मिलता है. देवी की अनुंकपा का प्रभाव खत्म होते ही ये लोग पाई-पाई के लिए तरसने लगते हैं.
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए उद्देश्य से पेश की गई है हम इन पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved