चाणक्य की चाणक्य नीति जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है. चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. चाणक्य एक शिक्षक होने के साथ साथ राजनीति, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र और कूटनीति शास्त्र के भी जानकार थे. इसके साथ चाणक्य को सैन्य शास्त्र की भी गहरी समझ थी. चाणक्य का संबंध अपने समय के प्रसिद्ध तक्षशिला विश्वविद्यालय से था. चाणक्य इस विश्वविद्यालय (university) में विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों की शिक्षा प्रदान किया करते थे.
चाणक्य के मानें तो जीवन में सफलता आसानी से प्राप्त नहीं होती है. इसके लिए कठोर परिश्रम करना पड़ता है. जिस प्रकार से एक साधु अपनी साधना के प्रति गंभीर रहता है, उसी प्रकार लक्ष्य के प्रति व्यक्ति को समर्पित रहना चाहिए. ये लक्ष्य, शिक्षा, व्यापार या फिर किसी भी क्षेत्र से संबंधित हो सकता है. लेकिन इन लक्ष्य को प्राप्त करने का एक ही मार्ग है. चाणक्य ने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कुछ बाते बताई हैं, आइए इन्हें जानते हैं-
कठोर परिश्रम-
चाणक्य के अनुसार बिना कठोर परिश्रम के सफलता (Success) प्राप्त नहीं होती है. इस बात को अच्छे ढंग से समझ लेना चाहिए, जो लोग परिश्रम का विकल्प तलाशने में समय व्यर्थ करते हैं, सफलता से उतने ही दूर होते जाते हैं. शास्त्रों में भी बताया गया है कि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है. परिश्रम करने वालों को लक्ष्मी जी भी अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं.
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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