110 करोड़ की टोपी बैंकों को पहनाई, सेटेलाइट हिल्स में बिके भूखंडों पर ले लिया लोन, नारायण निर्यात पर गिरी गाज, 26 करोड़ से अधिक की सम्पत्तियां कुर्क
इंदौर। जमीनी जादूगर चम्पू अजमेरा (Ground magician Champu Ajmera) का साथी कैलाश गर्ग (Kailash Garg) मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में फंसा है। ईडी (ED) ने अभी उसकी फर्म नारायण निर्यात इंडिया प्रा.लि. (Narayan Exports India Pvt. Ltd) के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 26.53 करोड़ की अचल सम्पत्तियां भी कुर्क कर ली और अधिकृत रूप से ईडी ने इस कार्रवाई की जानकारी अने एक्स (ट्विटर हैंडल) पर दी है। सेटेलाइट हिल्स कॉलोनी में भी गर्ग ने बिके हुए भूखंडों पर 110 करोड़ का लोन लेकर बैंकों को टोपी पहना दी और इसी मामले में बैंक की शिकायत पर पहले सीबीआई ने मामले दर्ज किया और उसके बाद ईडी की भी एंट्री हो गई।
सेटेलाइट हिल्स, फिनिक्स सहित अन्य टाउनशिप के पीडि़तों को भी भूखंड नहीं मिले और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट की कमेटी इस मामले की जांच भी कर रही है। दरअसल, नारायण निर्यात के डायरेक्टर कैलाशचंद्र गर्ग ने अपनी कई फर्मों के नाम पर बैंकों से लोन लिए हैं। इसमें अम्बिका सॉल्वेक्स भी शामिल है। अम्बिका सॉल्वेक्स ने ही सेटेलाइट हिल्स के बिके हुए भूखंडों पर 110 करोड़ से अधिक का बैंक लोन कबाड़ लिया। नतीजतन सीबीआई द्वारा जांच के बाद ईडी ने भी मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र सहित अन्य जगह कार्रवाई करते हुए 34 प्रॉपर्टी अपने कब्जे में ली। कुछ समय पूर्व ईडी ने सोया प्लांटों के साथ-साथ अम्बिका सॉल्वेक्स के ठिकानों पर भी जांच-पड़ताल की थी। इंदौर से ही तीन गाडिय़ों में ईडी के सदस्य छापामार कार्रवाई के लिए पहुंचे। दूसरी तरफ कुछ वर्ष पूर्व इंदौर में शराब चालान घोटाला भी आबकारी अफसरों की मिलीभगत से किया गया। 2018 में उजागर हुए इस घोटाले की जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई और लगभग 100 करोड़ रुपए की गड़बड़ी इस मामले में हुई। जब दिल्ली के शराब घोटाले का हल्ला मचा तब मध्यप्रदेश में हुए शराब घोटाले की जांच की मांग भी शुरू हुई, जिसके चलते इस जांच में पता चला कि 2015 से 2018 के बीच 194 चालानों में गड़बड़ी की गई और हजारों के चालानों को लाखों रुपए का बनाकर उतनी शराब गोदामों से उठाकर बेच डाली। अब ईडी ने आबकारी आयुक्त से 5 सवालों की जानकारी मांगी है।
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