एक 17 महीने से, तो दूसरे को 12 महीने हो गए हिरासत में
31 मार्च को जेलर के सामने होना पड़ेगा भूमाफियाओं को फिर पेश
इंदौर। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के पालन में जेल में बंद चर्चित भूमाफिया चम्पू और हैप्पी धवन की संभवत: आज रिहाई हो जाएगी। इन्हें 31 मार्च तक की अंतरिम जमानत मिली है। लिहाजा उस दिन जेलर के सामने प्रस्तुत होना पड़ेगा। इनके सहयोगी चिराग शाह की तलाश लगातार जारी है। सूत्रों के मुताबिक दो दिन पहले चिराग को खाटूश्याम जी में देखा गया था। अब प्रशासन सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के आधार पर पीडि़तों को भूखंड दिलवाने की प्रक्रिया में जुट गया है और जेल से छूटने के बाद चम्पू और हैप्पी के साथ सेटलमेंट भी करवाए जाएंगे, जिसके लिए उनके भागीदारों ने भी लिखित में सहमति दी है और इसी आधार पर इन जमीनी जादूगरों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से जमानत मिली है।
फिनिक्स देवकॉन (Phoenix Devcon), सेटेलाइट हिल्स (Satellite Hills) और कालिंदी गोल्ड (Kalindi Gold) के मामले में प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में जो प्रस्ताव भेजा उसे स्वीकार करते हुए जेल में बंद चम्पू, हैप्पी धवन को अंतरिम जमानत पर छोडऩे के निर्देश दिए हैं, लेकिन यह अंतरिम जमानत सशर्त दी गई है और अगर पीडि़तों को न्याय नहीं मिला तो 31 मार्च के बाद फिर इन भूमाफियाओं को फिर जेल जाना पड़ेगा। नीलेश अजमेरा तो फरार है, उसका भाई रीतेश अजमेरा उर्फ चम्पू पिछले एक साल से जेल में बंद है। उसकी पत्नी योगिता, भागीदार कैलाश गर्ग, मोहन चुघ सहित अन्य से भी लिखित में प्रशासन ने सेटलमेंट के प्रस्ताव ले लिए हैं। इसी तरह कालिंदी गोल्ड (Kalindi Gold) मामले में हैप्पी धवन बीते 17 महीने से जेल में बंद है। कालिंदी गोल्ड के अलावा नवभारत, टेलीकॉम सहित अन्य संस्थाओं की जमीनें भी धवन बंधुओं ने हड़प रखी है, जिन्हें अब प्रशासन सरेंडर करवाएगा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आदेश की कॉपी मिलने पर संभवत: आज जेल से इनकी रिहाई हो जाएगी। दूसरी तरफ कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने इन जमीनी जादूगरों से जेल में की पूछताछ और अब छूटने के बाद जिस तरह से 250 से अधिक पीडि़तों को न्याय दिलवाना है उसकी भी तैयारी शुरू कर दी है। अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर इस पूरे प्रकरण को देख रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जवाब प्रस्तुत करने और कल उसकी सुनवाई का भी वे हिस्सा रहे। वहीं सेटेलाइट हिल्स (Satellite Hills) की जिम्मेेदारी एसडीएम श्रीमती विशाखा देशमुख (Visakha Deshmukh) और फिनिक्स देवकॉन की अंशुल खरे और कालिंदी गोल्ड (Kalindi Gold) की पराग जैन को सौंपी है। कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) का स्पष्ट कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन कराया जाएगा और अगर भूमाफियाओं ने पीडि़तों को राहत नहीं दी तो फिर से सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार जेल भेजने के साथ इनकी सम्पत्तियों की कुर्की, जब्ती और नीलामी की जाएगी।
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