पांच अगस्त को अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन व शिलान्यास करेंगे। इसके साथ ही विश्व पटल पर नगीना का नाम भी स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो जाएगा। अयोध्या आंदोलन और श्रीराम मंदिर निर्माण के मौन तपस्वी साधक, विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय बंसल नगीना के ही निवासी हैं।
अयोध्या आंदोलन के योजनाकार विहिप के चंपत राय बंसल का जन्म 18 नवंबर 1946 को बिजनौर जिले के नगीना कस्बे में मोहल्ला सरायमीर निवासी रामेश्वर प्रसाद व सावित्री देवी के साधारण परिवार में हुआ। पिता रामेश्वर प्रसाद बाल्यकाल से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता रहे। चंपत राय दस भाई बहनों में दूसरे नंबर के भाई हैं। 25 जून, 1975 को जब देश में आपातकाल लगा तब चंपत राय आरएसएम कॉलेज, धामपुर में प्रवक्ता थे। पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने कॉलेज पहुंची। चंपत राय को प्राचार्य के कक्ष में बुलवाया गया। उस समय वे कॉलेज में विद्यार्थियों को पढ़ा रहे थे।
प्राचार्य कक्ष में पुलिस से चंपत राय ने कहा कि घर से वे कपड़े लेकर पुलिस कोतवाली में पहुंच रहे हैं। घर पहुंचकर उन्होंने माता-पिता को सारी बातें बताईं। माता-पिता ने उनका तिलक किया और कोतवाली तक साथ गए। करीब 18 महीने तक जेल में रहने के बाद जब आपातकाल समाप्त हुआ तभी उनको रिहा किया गया। 1980-81 में अपना इस्तीफा प्राचार्य को देकर संघ के प्रचारक बनकर निकल गए।
पहले जिला देहरादून, सहारनपुर में प्रचारक रहे, फिर 1985 में मेरठ के विभाग प्रचारक रहे। 1986 में संघ के शीर्ष नेतृत्व ने विश्व हिंदू परिषद में प्रांत संगठन मंत्री बनाकर भेज दिया। 1991 में क्षेत्रीय संगठन मंत्री बनाकर अयोध्या भेज दिया। 1996 में विहिप के केंद्रीय मंत्री बनाए गए। 2002 में संयुक्त महामंत्री और फिर अंतरराष्ट्रीय महामंत्री बनाए गए। वर्तमान में विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष व श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव हैं।
कौन जानता था की नगीना की गलियों व मोहल्लों में घूमने वाला पतला, दुबला सामान्य सा बालक एक दिन देश के करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक भगवान श्री राम मंदिर के निर्माण का नायक बनेगा। नगीना के लोग पांच अगस्त के कार्यक्रम को टीवी पर लाइव देखने लिए बहुत उत्सुक हैं। चंपत राय बंसल के छोटे भाई संजय बंसल ने बताया की सुप्रीम कोर्ट से राम लला (श्री रामजन्म भूमि) के पक्ष में निर्णय आने के बाद से ही चंपत राय अयोध्या में ही प्रवास कर रहे हैं और भव्यतम मंदिर के नक्शे को अंतिम रूप देने, निर्माण सामग्री, शिलान्यास व भूमि पूजन की तिथि का निर्धारण कराने से लेकर 200 अतिविशिष्ट अतिथियों को आमंत्रित करने तक का काम स्वयं कर रहे हैं।
श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक श्रीरामलला के मुकदमे की विजय तक और फिर राममंदिर निर्माण का नया अध्याय लिखने वाले, रामभक्त हनुमान के समान अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चंपत राय बंसल अयोध्या के श्री राम मंदिर निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका में हैं। चंपत राय बंसल को राम मंदिर निर्माण में मुख्य भूमिका में देखने पर नगीना के लोग अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर नगीना में उत्साह
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