भोपाल। प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया जारी है। इस बीच सुरक्षा एजेंसियों के सामने नक्सल इलाकों में पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण कराने की चुनौती है। बालाघाट, मंडला और डिंडोरी क्षेत्र में पिछले कुछ समय में नक्सली घटनाएं सामने आई है। इसी तरह ग्वालियर, चंबल और बुंदेलखंड क्षेत्र में भी पिछले चुनाव में हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं। इसे देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने अति संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के तगड़े प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। गृह विभाग ने चुनावों में सुरक्षा प्रबंध को लेकर छह जून को बैठक बुलाई है। तब तक सभी जिलों में संवेदनशील और अति संवेदनशील इलाकों की पहचान करके कार्ययोजना बनाकर पुलिस मुख्यालय को भेजी जाएगी।
पिछले महीनों में बालाघाट, मंडला और डिंडोरी में नक्सल गतिविधियां सामने आई हैं। पिछले चुनाव में भी कुछ पंचायतों में कानून व्यवस्था को लेकर समस्या आई थी। इन क्षेत्रों में शांतिपूर्ण चुनाव कराने किसी चुनौती से कम नहीं है। यह बात राज्य निर्वाचन आयोग और गृह विभाग भी जानता है, इसलिए अति संवेदनशील इलाकों को चिन्हित करके सशस्त्र बल तैनात करने की तैयारी है। अपर मुख्य सचिव गृह डा.राजेश राजौरा का कहना है कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के प्रबंध सुनिश्चित किए जाएंगे। इसके लिए पुलिस मुख्यालय कार्ययोजना बना रहा है। वहीं, आयोग के सचिव राकेश सिंह का कहना है कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।
पर्याप्त बल तैनात रहेगा
संवेदनशील और अति संवेदनशील केंद्रों पर पर्याप्त पुलिस बल रहेगा। इसके लिए राज्य निर्वाचन आयुक्त दिशानिर्देश दे चुके हैं। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को भी कहा है कि वे उन स्थानों का संयुक्त भ्रमण करके जहां मतदाताओं को प्रभावित किया जा सकता है। शस्त्र लायसेंस निलंबित करने के साथ-साथ अवैध गतिविधियों में संलिप्त रहने वालों पर नजर रखी जाए।
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