- चौदस और अमावस्या पर हिलती दिखाई देती है शवदाह की चिमनी, मानों जैसे गिर जाएगी
- निर्माण के दौरान भी आई थी दिक्कत, ठेकेदार ने शराब की धार चढ़ाई तब जाकर बना चिमनी का पक्का स्ट्रक्चर
उज्जैन। दो वर्ष पहले गैस चलित शवदाह गृह चक्रतीर्थ पर बना था जो शुरु नहीं हो पाया है और इसके बारे में कई तरह के अंधविश्वास और भयपूर्ण बातें चर्चा में है..सच्चाई कितनी है कोई नहीं कह सकता। अग्रिबाण ने इस बात की सच्चाई जानने के लिए चक्रतीर्थ श्मशान घाट पर कार्यरत पांच-सात लोगों से चर्चा की। अधिकांश ने इसे भूत प्रेत बाधा का कारण बताया। वहीं सालों से श्मशान घाट पर सेवा दे रहे एक बुजुर्ग ने बताया कि जिस जगह पर सीएनजी गैस शवदाह का निर्माण हुआ हैं वहाँ पहले एक कबीट का पेड़ हुआ करता था, इसके अलावा वहाँ दो पूजा के ओटले भी बने थे। जिसे निर्माण के दौरान हटाया है। जिस स्थान पर चिमनी बनी हुई है उस स्थान पर पहले पेड़ लगा था। जहां एक अदृश्य शक्ति रहती थी जो किसी को परेशान नहीं करती थी, लेकिन जब से सीएनजी गैस शवदाह गृह का निर्माण हुआ हैं, तब से इस क्षेत्र में अजीबों गरीब हरकतें देखने में आ रही है।
बहुत से लोगों ने शवदाह गृह की चिमनी के पक्के स्ट्रक्चर को हवा में हिलते हुए देखा हैं और अजीबों गरीब आवाजें भी सुनी हैं। अब वह ही इसके संचालन में बाधा बन रही हैं। बता दें कि निर्माण के दौरान भी चिमनी का स्ट्रक्चर नहीं बन पा रहा था, तब ठेकेदार को किसी ने सलाह दी थी कि प्रसाद चढ़ाओ। ठेकेदार ने शराब की धार चढ़ाई तब जाकर कुछ बात बनी और चिमनी का पक्का स्ट्रक्चर बन पाया। उल्लेखनीय है कि स्मार्ट सिटी की ओर से 14 लाख की लागत से शवदाह गृह का नया भवन निर्माण कराया गया है एवं इसमें करोड़ों रुपए लागत की तीन मशीनें लगाई गई है। वहीं पाइप की करीब 114 फुट ऊंची चिमनी स्थापित की गई है। चक्रतीर्थ परिसर की जमीन पर बने इस शवदाह गृह का शुभारंभ दिसंबर 2021 में होना था लेकिन यह अब तक चालू नहीं हो सका है। इस संबंध में नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि सीएनजी शवदाह गृह बनकर तैयार है। जिसका संचालन सिर्फ ट्रांसफार्मर नहीं लगने के कारण रुका पड़ा हैं। उसके बाद यह शुरू हो सकेगा।