भोपाल। कोविड-19 संक्रमण (Covid-19 Infection) के चलते 13 अप्रैल से शुरू हो रहे नवरात्र (Navratri) में भी मां (Maa), भक्तों से दूर रहेंगी। श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर भी उनके दर्शन नहीं कर सकेंगे। हालांकि मंदिरों में प्रतिदिन की तरह पूजन-अर्चन जारी रहेगी। जबकि प्रसाद व चढ़ावा भी श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर के बाहर लगी दान पेटियों में जमा करना होगा। प्रशासन की गाइड लाइन (Guideline) के चलते कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के लिए चल रही पाबंदियों के चलते मंदिर समितियों ने भी तय किया है कि श्रद्धालुओं को भी कोई समस्या न हो, इसको देखते हुए मंदिरों को बंद रखा जाएगा। मां भवानी के मंदिरों में अलग-अलग व्यवस्थाएं की जा रही हैं। श्री कालिका मंदिर धर्मार्थ न्यास के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रजनीश सिंह बगवार (Rajnish Singh Bagwar) कहते हैं कि हम नहीं चाहते कि मंदिर में भीड़ बढ़े और संक्रमण (Infection) की बढ़ोतरी हो जाए। इसी को देखते हुए सोशल मीडिया (Social Media) पर ऑनलाइन (Online) दर्शन की सुविधा दी जा रही है। कर्फ्यू वाली माता के नाम से मशहूर इस मंदिर में होने वाली भीड़ को देखते हुए समिति ने तय किया है कि बाहर से ही दर्शन की व्यवस्था जारी रखी जाएगी। जो लोग प्रसाद, नारियल व फूल-मालाएं लाएं, उन्हें बाहर ही रखवा लिया जाए। रायसेन रोड पर गुदावल में स्थित कंकाली माता मंदिर परिसर में मेला व दुकानें इस बार नहीं लगेंगी। मां कंकाली विकास सेवा सार्वजनिक ट्रस्ट के सचिव बादामी लाल मीना ने बताया कि केवल दर्शन ही होंगे। भंडारा नहीं होगा।
कई शुभ संयोगों के साथ होगा नवरात्र का आगमन
चैत्र नवरात्र का आगमन कई शुभ संयोगों के साथ हो रहा है। शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से इनकी शुरुआत हो रही है। नवरात्र की शुरुआत अश्विनी नक्षत्र में हो रही है, इनका स्वामी गृह केतु और देवता अश्विनी कुमार हैं, जो आरोग्य के देवता माने जाते हैं। पंडित विष्णु राजौरिया का कहना है कि अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग में नवरात्र शुरू होंगे। मंगलवार के दिन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर नवरात्र की शुरुआत के साथ ही घट स्थापना होगी। इस दिन चंद्रमा मेष राशि में और उसी रात सूर्य भी मेष में आएंगे।
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