जेल में इंदौर पुलिस ने की पूछताछ, प्रोडक् शन वारंट पर इंदौर लाने की तैयारी
इंदौर। एमजी रोड (MG Road) के एक घड़ी शो रूम (Watch Show Room) से 22 लाख की घडियां चुराने वाली चादर गैंग तक इंदौर पुलिस (Indore Police) पहुंच गई है। गैंग के सदस्य उत्तराखंड (Uttarakhand) की जेल (Jail) में बंद हैं। कोर्ट से अनुमति लेकर पुलिस ने जेल में पूछताछ की तो उन्होंने इंदौर में चोरी कबूल की है। अब पुलिस उनको इंदौर लाने की तैयारी कर रही है।
तीन माह पहले मल्हारगंज थाना क्षेत्र (Malharganj Area) में स्थित कृष्णा वॉच (Krishna Watch) शो रूम में चोरी की वारदात हुई थी। इसमें चादर गैंग के सदस्य 22 लाख की महंगी घडियां चुराकर ले गए थे। पुलिस को घटना के फुटेज मिल गए थे। फुटेज के आधार पर हुई जांच में यह स्पष्ट हो गया था कि ये गैंग घोड़ासन मोतिहारी बिहार की है, जो पूरे देश में वारदात करती है। एडीसीपी जयवीरसिंह भदौरिया ने बताया कि इसके बाद पुलिस की टीम फुटेज लेकर वहां पहुंची तो पता चला कि यह गैंग हल्द्वानी नैनीताल में एक अन्य चोरी में पकड़ी गई है और जेल में है। इस पर इंदौर पुलिस की टीम वहां गई और कोर्ट से अनुमति लेकर जेल में बंद नईम पिता मुन्ना, विक्रमसिंह, प्रमोद पासवान से पूछताछ की। आरोपियों ने इंदौर में चोरी करना कबूल किया और बताया कि घडियां उन लोगों ने नौशाद आलम निवासी चंपारण बिहार को बेचने के लिए दी है। बताते है कि वहां की पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया है और कुछ घडियां जब्त कर ली है। इसके बाद इंदौर पुलिस ने आरोपियों को इंदौर लाने के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी करवाया। इस पर कोर्ट ने नैनीताल पुलिस को आरोपियों को इंदौर में पेश करने को कहा था। 20 दिसंबर को आरोपियों को यहां लाना था, लेकिन किसी कारण से वहां की पुलिस उनको नहीं ला सकी। इसके चलते अब पुलिस फिर प्रोडक् शन वारंट जारी करवाकर उनको इंदौर लाएगी।
नेपाल में बेचते हैं चोरी का माल अन्नपूर्णा में की थी चोरी
पुलिस ने बताया कि यह गिरोह दिन में शहर में रैकी करता है और रात को दुकान के बाहर चादर बिछाकर सो जाता है। रात में शटर उचका कर वारदात करता है। इसके लिए बच्चों और महिलाओं का भी उपयोग करता है। इंदौर में की गई वारदात में सात सदस्य शामिल थे। ये लोग चोरी का माल नेपाल में बेचते हैं। यह गैंग घोड़ासन की चादर गैंग के रूप में पूरे देश में कुख्यात है।
30 दिन तक नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र में रही इंदौर पुलिस
एडीसीपी जयवीरसिंह ने बताया कि इस गैंग को पकडऩे के लिए इंदौर पुलिस लगभग एक माह तक बिहार और नेपाल बार्डर से लगे पहाड़ी क्षेत्रों में रही है। लिंक जोड़ती गई और फिर हल्द्वानी नैनीताल की जेल में बंद आरोपियों तक पहुंची। इस दौरान एसआई ब्रजेश शर्मा के नेतृत्व में टीम एक माह तक वहीं घूमती रही।
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