भोपाल। प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव की आचार संहिता के बीच राज्य सरकार द्वारा 8 अक्टूबर को चुनाव क्षेत्रों में किए गए अफसरों के तबादले आदेश को केंद्रीय चुनाव आयोग ने निरस्त कर दिया है। जबकि सामान्य प्रशासन विभाग ने 12 संयुक्त एवं डिप्टी कलेक्टरों के तबादले मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीरा राणा की अनुमति से जारी किए थे। लेकिन चुनाव आयोग ने कांग्रेस की शिकायत पर तबादला आदेश को निरस्त कर दिया है। ऐसे में सीईओ वीरा राणा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। वीरा को हटाने की कांग्रेस चुनाव आयोग से मांग कर चुकी है। आमतौर पर चुनाव आचार संहिता के दौरान सामान्य प्रशासन विभाग कोई भी तबादला आदेश जारी करने से पहले चुनाव आयोग की अनुमति लेने की औपचारिता पूरी करता है। पिछले हफ्ते किए गए 12 संयुक्त एवं डिप्टी कलेक्टरों का तबादला करने से पहले भी सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से अनुमति मांगी थी। सूत्रों ने बताया कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने तबादलों के अनुमति अपने स्तर पर दे दी थी, इस संंबंध में केंद्रीय चुनाव आयोग को अवगत नहीं कराया कि जिन अफसरों के तबादले की अनुमति राज्य शासन ने मांगी है, उनकी पदस्थापना उपचुनाव वाले क्षेत्रों में ही की जानी है। उनमें से कुछ को निर्वाचन का दायित्व भी सौंपा जाएगा। कांग्रेस ने जिस ढंग से केंद्रीय चुनाव आयोग से शिकायत की। इसके बाद आयोग ने तबादलों के संबंध में पूरी जानकारी सीईओ से मांगी। इसके बाद आयोग ने तबादला निरस्त करने का आदेश जारी किए हैं। जीएडी सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग के आदेश का पालन करते हुए तबादलों को निरस्त करने की प्रक्रिया की जा रही है।
इनका कहना है
जो तबादला आदेश चुनाव आयोग ने निरस्त किया है, उसकी चुनाव आयोग से अनुमति ली गई थी। आयोग की अनुमति लेकर ही तबादला आदेश जारी किए गए थे।
दीप्ती गौड़ मुखर्जी, प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग
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