अनूपपुर। अमरकंटक में मां नर्मदा का उद्गम स्थल के चहुमुखी विकास के लिये केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने प्रसाद योजना के तहत चयन किया है। केंद्रीय पर्यटन विभाग ने देश के मप्र का अमरकंटक सहित 5 अन्य प्रदेश के धार्मिक स्थलों को इसमे शामिल किया गया हैं, जिसमें अमरकंटक के विकास हेतु सबसे अधिक राशि भी अन्य धार्मिक स्थलों की तुलना में दी जा रही है, जो करीब 50 करोड़ है।
तीर्थयात्रा कायाकल्प प्रसाद एक राष्ट्रीय मिशन:
तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव (प्रसाद) एक राष्ट्रीय मिशन है, जिसे पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2014-15 में शुरू किया गया था। यह योजना शत प्रतिशत केन्द्रीय रूप से वित्त पोषित है। जिसमे धार्मिक पर्यटन अनुभव को समृद्ध करने के लिए देश भर के तीर्थ स्थलों की पहचान और विकास पर केंद्रित है। इसका मुख्य उद्देश्य पूर्ण धार्मिक पर्यटन अनुभव प्रदान कराना और साथ ही प्राथमिकता वाले और स्थायी तरीके से तीर्थ स्थलों का एकीकृत विकास करना है। जानकारी अनुसार वर्ष 2020 में प्रसाद योजना में पर्यटन मंत्रालय ने देश के त्रिपुरा राज्य के त्रिपुर सुंदरी मंदिर,तेलंगाना राज्य के जोगुलंबा देवी मंदिर,अरुणाचल प्रदेश के परशुराम कुंड, सिक्किम के युकसोम व छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित बमलेश्वरी देवी मंदिर शामिल हैं।
प्रसाद योजना का उद्देश्य:
स्थायी रूप से पर्यटन आकर्षण,धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना ताकि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में इसका प्रत्यक्ष और बहुमुखी प्रभाव पड़े। स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तकला, व्यंजन इत्यादि को बढ़ावा देना है। धार्मिक स्थलों में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा विकसित करना। तीर्थस्थलों के विकास के लिए कम्युनिटी बेस्ड डेवलपमेंट और प्रो-पुअरटूरिज्म कांसेप्ट का भी पालन करना। पब्लिक कैपिटल से लाभ प्राप्त करना। आय के स्रोतों में वृद्धि करना। समग्र विकास के लिए क्षेत्र में पर्यटन के महत्व के बारे में स्थानीय समुदायों के बीच जागरूकता पैदा करना
पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम:
प्रदेश में और भी कई धार्मिक स्थल हैं जिनकी अपनी अपनी ख्याति पूरे देश भर में हैं। अमरकंटक का चयन केंद्र सरकार द्वारा किए जाना यहां की पहचान और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। भारत के मानचित्र में अमरकंटक मां नर्मदा उद्गम स्थल पहचान का मोहताज नहीं है लेकिन केंद्र सरकार की पहल से अमरकंटक का विकास और बेहतर होगा जो कि अभी तक अमरकंटक उपेक्षा का शिकार होता आया है। बताया गया इन स्थलों पर श्रद्धालुओं से जुड़ी सुविधाओं को जुटाने सहित पूरे क्षेत्र का समग्र विकास किया जाएगा।
मिनी स्मार्ट सिटी पर भी कार्य चल रहा
वर्तमान समय अमरकंटक में मिनी स्मार्ट सिटी पर कार्य योजना पर कार्य हो रहा है लेकिन 3 वर्ष में यहां की कार्य प्रगति बेहद धीमी है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा दी जाने वाली विकास राशि से अमरकंटक और आसपास क्षेत्र का समुचित विकास और विस्तार होगा जानकारी अनुसार इस हेतु राशि भी जारी कर दी गई है। बताया गया इन छह स्थलों के विकास के लिए पर्यटन मंत्रालय ने कुल 268 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि स्वीकृत की है। (एजेंसी, हि.स.)
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