नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central Government) ने कोरोना(Corona) मरीजों के इलाज में काम आ रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedisivir Injection) व इसके ड्रग के निर्यात पर रविवार को रोक लगा दी। कोरोना(Corona) के हल्के लक्षण वाले मरीजों के उपचार में इसका उपयोग होता है। बीते कुछ दिनों से देश के कई हिस्सों में इसकी किल्लत व कालाबाजारी की खबरें आ रही थीं।
भारत सरकार (Indian Government) ने रविवार को ट्वीट कर बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन और इसके उत्पादन में सहायक ड्रग रेमडेसिविर ‘एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट्स ‘ (API) के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह आदेश देश में कोविड-19 के हालात सुधरने तक लागू रहेगा। सरकार ने कहा कि आने वाले दिनों में देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग और बढ़ने की संभावना है। औषधि विभाग इस इंजेक्शन के घरेलू निर्माताओं से संपर्क में है। उन्हें इसका उत्पादन बढ़ाने को कहा गया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने देश की सभी रेमडेसिविर निर्माता इकाइयों से कहा है कि वे अपनी वेबसाइट पर अपने स्टॉकिस्टों व वितरकों का पूरा ब्योरा दें, ताकि देश में इनकी आपूर्ति बढ़ाई जा सके। ड्रग्स इंस्पेक्टरों व अन्य अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है कि वे स्टॉक की जांच करें और जमाखोरी व कालाबाजारी रोकें। उधर, महाराष्ट्र के पुणे में रेमडेसिविर इंजेक्शन की सुगम आपूर्ति के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। जिन लोगों को इस इंजेक्शन की जरूरत हो वे 020-26123371 पर या टोल फ्री नंबर 1077 पर कॉल कर सकते हैें। यह कंट्रोल रूम 31 मई तक सक्रिय रहेगा। बता दें, देश के कई शहरों में बीते कुछ दिनों से रेमडेसिविर इंजेक्शन की भारी किल्लत हो रही है। अस्पतालों में नहीं मिलने के बाद पीड़ित लोग दवा दुकानों पर पहुंच रहे थे तो वहां भी मुंह मांगी कीमत देने पर भी नहीं मिल रहे थे। इंजेक्शन की कमी को लेकर इनकी जमकर कालाबाजारी के भी आरोप लगाए जाने लगे। मोटी कीमत पर इन्हें बेचे जाने के भी मामले सामने आए थे। इसके बाद सरकार ने इनका निर्यात रोक कर घरेलू आपूर्ति बढ़ाने का निर्णय लिया है।