नई दिल्ली: भारत सरकार दवा निर्माता कंपनियों के खिलाफ इन दिनों सख्त कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक बैठक के दौरान दवा बनाने वाली फर्म कंपनियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि फार्मा प्रोडक्ट्स की हाई क्वालिटी बनाए रखने के लिए रेगुलेटरी अथॉरिटी ने प्लांटों का जोखिम-आधारित निरीक्षण और ऑडिट शुरू किया है. उन्होंने कहा कि इसके तहत हाल ही में 137 फर्मों का निरीक्षण किया गया और 105 फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. जिसमें से 31 फर्मों में उत्पादन बंद कर दिया गया है और 50 फर्मों के खिलाफ उत्पाद/अनुभाग लाइसेंस रद्द करने और निलंबन जारी किए गए हैं.
73 फर्मों को जारी किया गया कारण बताओ नोटिस
पीआईबी की रिपोर्ट के मुताबिक 73 फर्मों को कारण बताओ नोटिस तथा 21 फर्मों के खिलाफ वॉर्निंग लेटर जारी किये गए हैं. डॉ. मनसुख मांडविा ने भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) को नकली दवा बनाने वाली सभी दवा निर्माता कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. उन्होंने जोर देकर कहा, “भारत में निर्मित दवाओं की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.” उन्होंने कहा कि दवा बनाने वाली कंपनियों का निरीक्षण करने के लिए विशेष दस्ते बनाए गए हैं और कड़ी कार्रवाई की गई है.
दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने की बैठक
मंगलवार को केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने इस मामले पर कई दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इस बैठक में एमएस एस अपर्णा, सचिव (फार्मा), डॉ. राजीव रघुवंशी, डीसीजीआई और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में भाग लिए. इसके अलावा आईडीएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. विरंची शाह और अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे.
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