मुंबई। देश में कोरोना(Corona) की रफ्तार थम रही है और वैक्सीनेशन अभियान (Vaccination campaign) को तेज किया जा रहा है. हालांकि, वैक्सीनेशन (Vaccination)के बाद भी 28 मई तक 475 लोगों की मौत(475 deaths) हो चुकी है. यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय(Union Health Ministry) ने बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay high court) में दाखिल एक हलफनामे में दी. केंद्र सरकार ने 14 पेज के हलफनामे में कहा है कि 28 मई तक अब तक कुल टीकाकरण किए गए लोगों में से अब तक 475 लोगों की मौत हो चुकी है.
केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा कि घर के करीब टीकाकरण से बेहतर घर-घर टीकाकरण होगा. कोरोना के लिए वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (NEGVAC) ने हाई कोर्ट के आदेश को देखा था, जिसमें बुजुर्ग और विकलांग लोगों के लिए घर-घर टीकाकरण अभियान चलाने को कहा गया था. NEGVAC ने 25 मई, 2021 को नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल की अध्यक्षता में एक बैठक की.
केंद्र सरकार के मुताबिक, ‘NEGVAC की बैठक में सर्वसम्मति से सहमति व्यक्त की गई कि जोखिमों के कारण कोरोना टीकाकरण घर-घर नहीं किया जा सकता है. हालांकि, विकलांग और बुजुर्ग जो चल नहीं सकते हैं, उन्हें आवश्यक एहतियात और सुरक्षा उपायों के बनाए रखते हुए टीकाकरण सेंटर तक पहुंचने की सुविधा बढ़ाने की जरूरत है.’ हलफनामे में कहा गया है कि NEGVAC के इस निर्णय के बाद स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने नियर होम कोविड टीकाकरण केंद्र से संबंधित एक SoP तैयार की, जिसे वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया. हलफनामे में कहा गया है कि नियर टू होम कोविड टीकाकरण केंद्र (NHCVC) की रणनीति से घर के करीब लोगों को टीका लगाया जा सकता है. NEGVAC दिशानिर्देशों में कहा गया है कि नियम टू होम वैक्सीनेशन सेंटर की जिम्मेदारी जिला और शहरी प्रशासन की होगी, लाभार्थी या तो CoWin ऐप से या फिर मौके पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. किसी भी प्रतिकूल घटना के प्रबंधन के लिए टीकाकरण सेंटर पर जरूरी वाहन तैनात किया जाना चाहिए, जिससे लोगों को तुरंत मेडिकल मदद मिल पाए. MoHFW ने कहा कि विशेषज्ञ जमीनी हकीकत और मौजूदा स्थिति को देखने के बाद निर्णय पर पहुंचे हैं. हलफनामे में कहा गया कि जमीनी स्तर पर स्थिति को देखते हुए फैसलों को बदला भी जा सकता है.