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    आर्टिकल 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट से बोली केन्‍द्र सरकार, हमने सुधारी पुरानी गलतीयां

  • August 29, 2023

    नई दिल्‍ली (New Dehli)। इन दिनों सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के खिलाफ याचिकाओं (Petitions) पर सुनवाई चल रही है। केंद्र सरकार (Central government) ने सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को कहा कि उसने आर्टिकल 370 को हटाकर पुरानी गलतियों (old mistakes) को सुधारा है। साथ ही केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए एसजी तुषार मेहता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देना कोई स्थायी कदम नहीं है बल्कि जल्द ही इसे पूर्ण राज्य बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, गृह मंत्र ने सदन में भी कहा था कि जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाना अस्थायी कदम है।


    सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, अंत में यह पूर्ण राज्य बन जाएगा। बता दें कि सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में पांच जजों की बेंच ममले की सुनवाई कर रही थी। तुषार मेहता ने कहा, स्थितियां ही ऐसी थीं कि कुछ दिन इसे केंद्र की निगरानी में रहना जरूरी था।

    सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि आर्टिकल 35A की वजह से जम्मू-कश्मीर के लोग ही कई अधिकारों से वंचित थे। सीजेआई ने मेहता से कहा, तो आप उन लोगों के बात कर रहे हैं जिन्हें जम्मू-कश्मीर का स्थायी निवासी नहीं माना जाता था और इसमें आदिवासी भी शामिल थे। तुषार मेहता ने कहा कि भारत सरकार के पास गलतियों को सुधारने का अधिकार है। मैं उन सुधारों को जस्टिफाइ करता हूं। मैं यह नहीं कह रहा कि इस सरकार ने गलती की या उस सरकार ने गलती की। लेकिन पहले जो गलतियां हो चुकी हैं उनका परिणाम भविष्य क्यों भुगतेगा। इसीलिए पहले जो गलतियां की गईं, 2019 में उनका सुधार किया गया।

    मेहता ने कहा कि अगर किसी खास वर्ग को ही विशेषाधिकार दिया जाता है तो यह आर्टिकल 14 और आर्टिकल 19 का उल्लंघन है। बहुत सारे लोग ऐसे थे जो कि पाकिस्तान से आकर कश्मीर में बसे लेकिन 2019 तक वे वहां के स्थायी सदस्य नहीं माने जाते थे। दूसरे राज्यों से बहुत सारे सफाई कर्मचारियों को जम्मू-कश्मीर भेजा गया था लेकिन वे वहां की सुविधाओं का फायदा नहीं उठा पा रहे थे। दशकों तक रहने के बाद भी कोई जम्मू-कश्मीर में संपत्ति नहीं खरीद सकता था इसलिए यहां निवेश भी जीरो था।

    सीजेआई ने कहा कि आर्टिकल 35ए लागू करके लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन किया गया था। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में रोजगार, अचल संपत्ति पर अधिकार और राज्य में बसने के अधिकार का उल्लंघन होता था। इसके अलावा न्यायिक समीक्षा का भी अधिकार छीन लिया गया था। मेहता ने कहा कि अब तक लोगों को समझाया गया था कि जिस विशेषाधिकार के लिए वहां के लोगों ने लड़ाई लड़ी है वहीं उन्हें दिया गया है। वहीं बड़े राजनीतिक दल भी आर्टिकल 370 की रक्षा में जुटे रहते थे। अब लोगों को पता चला है कि उनका इतने दिनों में क्या नुकसान हुआ। यह यहां निवेश हो रहा है। केंद्र की नीतियों के चलते यहां पर्यटन बढ़ा है। एक साल में 16 लाख टूरिस्ट जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं

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