जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखकर (By Writing A Letter) अनुसूचित जनजाति उत्तर मैट्रिक छात्रवृति योजना (Scheduled Tribe Post Matric Scholarship Scheme) की बकाया 730.81 करोड़ रुपए (Rs. 730.81 Crore Outstanding) की केन्द्र सरकार के हिस्से की राशि (Amount of Central Government’s Share) जारी करने की मांग की (Demanded to Release) ।
गहलोत ने लिखा है कि अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के शैक्षणिक उन्नयन हेतु अनुसूचित जनजाति उत्तर मैट्रिक छात्रवृति योजना संचालित की जा रही है। योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार केन्द्र व राज्य के बीच 75 – 25 का अनुपात निर्धारित है। राज्य में प्रतिवर्ष इस योजनान्तर्गत लगभग 3 लाख आवेदन प्राप्त होते हैं, जिनके भुगतान के लिए प्रतिवर्ष लगभग 400 करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है। इस राशि में करीब 300 करोड़ रुपए केन्द्रीय अंश होता है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य को इस योजना के तहत प्राप्त आवेदनों के आधार पर 380.26 करोड़ रुपए (केन्द्रीय अंश राशि 285.20 करोड़ रुपए) की माँग निर्धारित थी। जिसके विरुद्ध केन्द्र द्वारा मात्र 77.81 करोड रुपये जारी किये गये हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 के प्राप्त आवेदन व पूर्व के बकाया आवेदनों के निस्तारण हेतु 430.81 करोड़ रुपये तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 के आवेदनों के केन्द्र सरकार के हिस्से के 300 करोड़ रुपये सहित कुल 730.81 करोड़ रुपये की राशि बकाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से बकाया राशि को शीघ्र से जारी किए जाने का आग्रह किया ताकि राज्य के अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा सके।
गहलोत ने कहा कि विद्यार्थियों की शिक्षा को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए सहायता राशि समय पर जारी किया जाना आवश्यक होता है। उन्होंने लिखा कि राज्य का बजट वित्तीय वर्ष के प्रारम्भ में ही आवंटित कर दिया जाता है। ऐसे में केन्द्र सरकार के हिस्से की राशि के समय पर पुनर्भरण नहीं होने से राज्य सरकार को भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री से बकाया राशि जल्द से जल्द जारी किए जाने का आग्रह किया है।
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