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केंद्र ने खालिस्तान आतंकी समूह SFJ पर लगाए गंभीर आरोप, विदेशों में पढ़ रहे अफसरों-राजनेताओं के बच्चे निशाने पर

January 30, 2025

नई दिल्‍ली । केंद्र सरकार (Central government) ने खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भारत (India) का कहना है कि ये कट्टरपंथी समूह न केवल विरोध प्रदर्शन आयोजित करके भारत विरोधी दुष्प्रचार कर रहा है, बल्कि यूरोपीय देशों, कनाडा और अमेरिका का दौरा करने वाले भारतीय गणमान्य व्यक्तियों के खिलाफ “आधारहीन” अदालती मामले भी दर्ज कर रहा है।

सरकार ने बताया कि इस संगठन के खिलाफ 104 मामले दर्ज हैं, जिनमें 96 मामले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस ने दर्ज किए हैं और 8 मामले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा दर्ज किए गए हैं। भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर SFJ पर लगाए गए प्रतिबंध को पिछले साल गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) ट्रिब्यूनल ने वैध ठहराया गया है।

रक्षा मंत्री के आवास पर धमकी भरा कॉल
सरकार ने UAPA ट्रिब्यूनल को बताया कि पिछले साल 22 जुलाई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास के लैंडलाइन पर एक प्री-रिकॉर्डेड वॉयस मैसेज आया था। इसमें पन्नू नामक व्यक्ति ने दावा किया कि भारत सरकार के अधीन सिख समुदाय को अस्तित्व का खतरा है। उसने सांसदों को चेतावनी दी कि यदि उन्होंने खालिस्तान जनमत संग्रह का समर्थन नहीं किया तो उन्हें घर में रहना चाहिए। गृह मंत्रालय (MHA) ने बताया कि यह कॉल अंतरराष्ट्रीय नंबर से किया गया था और इसकी जांच इंटरपोल की मदद से की जा रही है।


अवैध गतिविधियों और विदेशी साजिश का आरोप
SFJ के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू पर आरोप है कि वह भारत विरोधी प्रचार कर रहा है और विदेशी धरती पर भारतीय गणमान्य व्यक्तियों के खिलाफ प्रदर्शन तथा मुकदमे दर्ज करवा रहा है। गृह मंत्रालय ने बताया कि पन्नू ने बड़े पैमाने पर धन जुटाया है, जिसे वह आतंकवादी गतिविधियों और भारत के प्रमुख नेताओं की हत्या के लिए इस्तेमाल कर सकता है।

बदला लेने के लिए बच्चों की सूची तैयार
सरकार ने बताया कि SFJ ने पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं के उन बच्चों की सूची तैयार की है, जो विदेशी देशों में पढ़ाई कर रहे हैं। संगठन ने धमकी दी है कि यदि उसके कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया गया तो इन बच्चों पर बदले की कार्रवाई की जाएगी।

SFJ पर प्रतिबंध का विस्तार
गृह मंत्रालय ने 10 जुलाई 2024 को SFJ पर लगाए गए प्रतिबंध को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया। ट्रिब्यूनल ने इस पर अपनी मुहर लगाते हुए कहा कि SFJ की गतिविधियां भारत की एकता और अखंडता के लिए खतरा हैं। न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदिरत्ता ने कहा कि यह संगठन पंजाब में हिंसक उग्रवाद का समर्थन करता है और भारत की संप्रभुता को कमजोर करने का प्रयास करता है।

राज्यों में दर्ज मामले
SFJ के खिलाफ विभिन्न राज्यों में कुल 104 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें पंजाब पुलिस द्वारा 55, हरियाणा और दिल्ली पुलिस द्वारा 13-13, हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा 6, असम पुलिस द्वारा 3, गुजरात पुलिस द्वारा 2, और झारखंड, राजस्थान, उत्तराखंड व चंडीगढ़ पुलिस द्वारा एक-एक मामला दर्ज किया गया है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुकदमे और गतिविधियां
पिछले वर्ष एक अमेरिकी जिला अदालत ने भारत सरकार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और पूर्व रॉ प्रमुख सामंत गोयल को पन्नू द्वारा दायर एक दीवानी मुकदमे में सम्मन जारी किया। यह मुकदमा 2023 में पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपों से संबंधित था। SFJ की गतिविधियां मुख्य रूप से न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया में पन्नू के कार्यालयों से संचालित होती हैं। गृह मंत्रालय ने बताया कि पन्नू ने भारतीय किसानों को हथियार उठाने और भारतीय बलों के खिलाफ लड़ने के लिए उकसाया। सरकार ने SFJ को भारत की शांति और अखंडता के लिए गंभीर खतरा बताते हुए इसे गैरकानूनी घोषित किया है।

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