नई दिल्ली । केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री (Union Minister for Women and Child Development) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) के दूसरे पत्र का जवाब दिया है। इसमें बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर सख्त कानून और सजा की मांग की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को संबोधित अपने दूसरे पत्र में ममता बनर्जी ने बलात्कार और हत्या के मामलों को समयबद्ध तरीके से निपटाने के लिए अनिवार्य प्रावधान की मांग की थी। ये दोनों पत्र कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की सीबीआई जांच के बीच आए हैं।
भाजपा ने ममता के पत्रों को लेकर उन्हें झूठी कहा था और सवाल किया था कि उन्होंने अपने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा के लिए मौजूदा कड़े नियमों और कानूनों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कुछ क्यों नहीं किया।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी को दिए अपने जवाब में कहा, “पश्चिम बंगाल में फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) और विशेष POCSO कोर्ट की स्थिति के बारे में आपके पत्र में दी गई जानकारी के संबंध में मैं यह उल्लेख करना चाहूंगी कि कलकत्ता हाईकोर्ट से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल ने 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट (FTC) स्थापित किए हैं। यह केंद्र सरकार की योजना के तहत आने वाले फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) के समान नहीं हैं।”
उन्होंने आगे लिखा, “पश्चिम बंगाल में बलात्कार और POCSO के 48,600 मामले लंबित होने के बावजूद राज्य ने अतिरिक्त 11 FTSC को चालू नहीं किया है। यह राज्य की आवश्यकता के अनुसार विशेष POCSO न्यायालय या बलात्कार और POCSO दोनों मामलों से निपटने वाले संयुक्त FTSC हो सकते हैं। जैसा कि देखा जा सकता है इस संबंध में आपके पत्र में निहित जानकारी तथ्यात्मक रूप से गलत है और ऐसा लगता है कि यह राज्य द्वारा FTSC को चालू करने में देरी पर पर्दा डालने की दिशा में एक कदम है।”
पश्चिम बंगाल के भाजपा सह-प्रभारी अमित मालवीय ने भी बंगाल की मुख्यमंत्री पर महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए नियमों और कानूनों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने पर सवाल उठाया है।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है। डॉक्टरों और चिकित्सा पेशे से जुड़े अन्य लोगों ने अपने कार्यस्थल पर सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मौलिक सुधारों की मांग की है।
तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने इस घटना का राजनीतिकरण किया है। हालांकि, भाजपा ने ममता बनर्जी की पार्टी पर आरोप लगाया है कि मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार व्याप्त है।
कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की जांच चल रही है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मुख्य संदिग्ध संजय रॉय को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिसे उस अस्पताल के सेमिनार कक्ष के बाहर सीसीटीवी में देखा गया था, जहां जूनियर डॉक्टर का शव मिला था।
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