नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्र सरकार (Central Government) ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के समक्ष एक आवेदन दायर कर वर्तमान ED निदेशक संजय मिश्रा (ED Director Sanjay Mishra) का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की। शीर्ष अदालत के हालिया फैसले के अनुसार उनका कार्यकाल 31 जुलाई को समाप्त होने वाला है। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का उल्लेख किया था।
दरअसल, 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से फैसला सुनाया था, जहां 31 जुलाई तक नए निदेशक की नियुक्ति की बात कही गई थी। बुधवार को सरकार ने शीर्ष न्यायालय को बताया है कि FATF यानी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की समीक्षा के चलते मिश्रा का पद पर बने रहना अहम है। फिलहाल, सरकार की याचिका पर गुरुवार दोपहर को सुनवाई होनी है।
बार एंड बेंच के अनुसार, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट मांग की है कि मिश्रा को 15 अक्टूबर तक पद पर बने रहने देना चाहिए। सरकार ने वजह बताई है कि इसके चलते भारत के मनी लॉन्ड्रिंग ऑपरेशन्स की FATF समीक्षा आराम से पूरी हो जाएगी। मुकेस कुमार मरोरिया की तरफ से दाखिल याचिका के जरिए कहा गया है कि अगर राष्ट्र हित में मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाया जाना जरूरी है, तो उसे बढ़ाया जाना चाहिए।
विदित हो कि संजय मिश्रा को पहली बार नवंबर 2018 में ईडी का निदेशक बनाया गया था। उनका कार्यकाल नवंबर 2020 में खत्म हुआ। मई 2020 में वह रिटायरमेंट की उम्र 60 पर पहुंच गए थे।
अब 13 नवंबर को ही केंद्र सरकार की तरफ से आदेश आया कि राष्ट्रपति ने 2018 में संशोधन किए हैं, जिसके तहत 2 साल की अवधि को बदलकर 3 साल किया गया था। अब इसे एक एनजीओ ने शीर्ष न्यायालय में चुनौती दी थी। तब सुप्रीम कोर्ट संशोधन को तो मंजूरी दे दी थी, लेकिन मिश्रा को और सेवा विस्तार मिलने के खिलाफ फैसला सुनाया था।
2021 में कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (CVC) एक्ट में संशोधन कर एक अध्यादेश लाई, जिसके तहत खुद को ही ED निदेशक का कार्यकाल 5 सालों तक बढ़ाने की शक्तियां दी गईं। बाद में संसद ने कानून पास कर दिया, जिसमें ईडी निदेशक के कार्यकाल को एक बार में एक साल बढ़ाने की अनुमति दी गई।
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