नई दिल्ली । केंद्र सरकार (Central Government) ने देश में पावर ट्रांसमिशन इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए (To increase Power Transmission Infrastructure in the Country) 9.12 लाख करोड़ रुपये निवेश की योजना बनाई है (Plans to invest Rs. 9.12 Lakh Crore) । यह जानकारी केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाइक ने राज्यसभा में दी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “राष्ट्रीय विद्युत योजना (ट्रांसमिशन) के अनुसार, 2022-23 से 2031-32 तक के 10 साल की अवधि में 1.91 लाख किलोमीटर (किमी) ट्रांसमिशन लाइनें और 1274 गीगा वोल्ट एम्पीयर (जीवीए) ट्रांसफॉरमेशन क्षमता (220 केवी और ऊपर के वोल्टेज स्तर पर) जोड़ी जाएगी। इसके अलावा 33.25 गीगावॉट हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट (एचवीडीसी) बाय-पोल लिंक की भी योजना बनाई गई है।
इसके अलावा अंतर-क्षेत्रीय ट्रांसमिशन क्षमता को वर्तमान स्तर 119 गीगावॉट से बढ़ाकर 2026-27 तक 143 गीगावॉट और 2031-32 तक 168 गीगावॉट तक बढ़ाने की योजना है। इस प्लान में ट्रांसमिशन के नए टेक्नोलॉजी विकल्पों, क्रॉस-बॉर्डर इंटरकनेक्शन और ट्रांसमिशन में निजी सेक्टर की भागीदारी पर जोर दिया गया है। राष्ट्रीय विद्युत योजना (ट्रांसमिशन) में नेपाल, भूटान, म्यांमार, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों के साथ मौजूदा और योजनाबद्ध इंटरकनेक्शन को भी कवर किया गया है।
एक अन्य लिखित उत्तर में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान में देश में कुल 13,997.5 मेगावाट की 28 जलविद्युत परियोजनाएं (एचईपी) और 6,050 मेगावाट की पांच पंप स्टोरेज परियोजनाएं (पीएसपी) निर्माणाधीन हैं। कुल 19,460 मेगावाट की 28 एचईपी और 4,100 मेगावाट की चार पीएसपी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा एप्रूव किया गया है। उन्होंने कहा कि कुल 8,036 मेगावाट की 11 एचईपी सर्वेक्षण और जांच (एस एंड आई) के अधीन हैं।
इसके अलावा बताया कि मौजूदा समय में 29,200 मेगावाट कोयला आधारित क्षमता निर्माणाधीन है, 18,400 मेगावाट क्षमता आवंटित की जा चुकी है और 47,240 मेगावाट संभावित क्षमता विचाराधीन है। मंत्री ने आगे बताया कि 31 अक्टूबर तक कुल 1,27,050 मेगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता कार्यान्वयन के अधीन है, जबकि 89,690 मेगावाट बोली प्रक्रिया के तहत है।
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