नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central government) ने बुधवार को देश भर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों (Rising cases of Covid-19) के बीच हल्के और बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन (Home Isolation) में रखने के लिए संशोधित दिशानिर्देश (Revised Guidelines) जारी किए (Issued) ।
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, होम आइसोलेशन के तहत रोगी को छुट्टी दे दी जाएगी और कम से कम 7 दिन पॉजिटिव परीक्षण और लगातार 3 दिनों तक बुखार नहीं होने के बाद आइसोलेशन समाप्त हो जाएगा और वे मास्क पहनना जारी रखेंगे। होम आइसोलेशन की अवधि समाप्त होने के बाद पुन: परीक्षण की कोई आवश्यकता नहीं है। संक्रमित व्यक्तियों के बिना लक्षणों वाले संपर्कों को नए दिशानिर्देशों के अनुसार घरेलू क्वारंटीन में कोविड परीक्षण और स्वास्थ्य की निगरानी करने की आवश्यकता नहीं है।
मंत्रालय ने कहा है कि संक्रमित व्यक्ति अपनी निजी वस्तुएं किसी और साझा ना करे। कहा गया है कि ब्लड ऑक्सीजन सैचुरेशन और टेंपरेंचर नियमित तौर पर जांच की जाए और इसमें कमी पाए जाने पर अस्पताल को रिपोर्ट किया जाए। मंत्रालय ने आगे कहा कि होम आइसोलशन के मरीज ट्रिपल लेयर का मास्क पहनें और एक पेपर बैग में उसे 72 घंटे बाद काट कर फेंक दें। मंत्रालय ने अपनी गाइडलाइन्स में कहा गया है कि हाथ लगातार धुलते रहें और शरीर में पानी की कमी ना होने दें।
इसके अलावा जिला प्रशासन को अपने कंट्रोल रूम एक्टिव करने को कहा गया है। मंत्रालय ने दिशानिर्देशों में कहा है कि मरीज को मेडिकल ऑफिसर के संपर्क में रहना होगा। इसके साथ ही पैनिक पैदा करने वाली फर्जी जानकारियों से सावधान रहने की हिदायत दी गई है।इसके अलावा कहा गया है कि जिला और उप-जिला कंट्रोल रूम को शुरू करें और उनके टेलीफोन नंबरों को सार्वजनिक रूप से प्रचारित किया जाना चाहिए, ताकि होम-आइसोलेशन के तहत लोग किसी परिस्थिति में मरीज को घर से अस्पताल तक आसानी से ले जा सकें। कंट्रोल रूम होम आइसोलेशन के तहत मरीजों की स्थिति की निगरानी के लिए उन्हें फोन भी करेंगे।
मंत्रालय ने कहा है कि होम आइसोलेशन में रोगी की निगरानी के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के सुपरविजन में संबंधित जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा। मंत्रालय के अनुसार, अगर निम्न से कोई भी लक्षण हो तो मरीज या उसकी देखभाल में लगे शख्स को तत्काल अस्पताल से संपर्क करना होगा।
यह भी कहा गया है कि खुद को दूसरों से और विशेष रूप से कॉमरेडिडिटी (पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त) बुजुर्ग लोगों से अलग करते हुए, रोगी को क्रॉस वेंटिलेशन के साथ एक अच्छी तरह हवादार कमरे में रहना चाहिए और ताजी हवा के लिए खिड़कियां खुली रखनी चाहिए। रोगियों को एक पल्स ऑक्सीमीटर के साथ ऑक्सीजन की स्वयं निगरानी करने की सलाह दी गई है।
पहले से बीमार 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग रोगियों को उपचार करने वाले चिकित्सा अधिकारी द्वारा उचित मूल्यांकन के बाद ही होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी। दिशानिदेशरें में कहा गया है कि प्रतिरक्षा समझौता स्थिति (एचआईवी, प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ता, कैंसर चिकित्सा आदि) से पीड़ित रोगियों को घर से अलग करने की सिफारिश नहीं की जाती है और उपचार करने वाले चिकित्सा अधिकारी द्वारा उचित मूल्यांकन के बाद ही उन्हें घर में आइसोलेट की अनुमति दी जाएगी। कहा गया है कि यदि दिन में चार बार पैरासिटामोल 650 मिलीग्राम की अधिकतम खुराक से बुखार नियंत्रित नहीं होता है, तो इलाज करने वाले डॉक्टर से परामर्श लें।
नए दिशानिर्देशों में रोगियों को गर्म पानी से गरारे करने या दिन में तीन बार भाप लेने की सलाह दी गई है। दिशानिर्देश में चिकित्सा अधिकारी के परामर्श के बिना स्व-दवा, रक्त जांच या छाती एक्स रे या छाती सीटी स्कैन जैसी रेडियोलॉजिकल इमेजिंग के लिए जल्दबाजी नहीं करने को कहा गया है। हल्के रोग के कारण स्टेरॉयड से बचने को कहा गया है इसे खुद से ही नहीं लेने को कहा गया है। नए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि स्टेरॉयड के अति प्रयोग और अनुचित उपयोग से अतिरिक्त जटिलताएं हो सकती हैं। यह भी कहा गया है कि होम आइसोलेशन में रोगी की निगरानी के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के समग्र पर्यवेक्षण में संबंधित जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा।
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