नई दिल्ली । दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Former Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) ने कहा कि केंद्र सरकार (Central Government) दिल्ली की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था (Delhi’s Security and Law and Order) संभालने में अक्षम है (Incapable of Handling) । आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को यहां राष्ट्रीय राजधानी की कानून-व्यवस्था, 10 हजार बस मार्शलों को हटाने और पांच हजार होमगार्ड के वेतन रोकने का भी मामला उठाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सरेआम गोलियां चल रही हैं, लूट और गुंडागर्दी हो रही है और केंद्र सरकार इसे रोकने में अक्षम है।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उनसे दिल्ली की सुरक्षा-व्यवस्था नहीं संभल रही है। उन्होंने कहा, “हमने बसों के अंदर महिलाओं की सुरक्षा के लिए व्यवस्था की थी, जिसे इन्होंने बंद कर दिया।” अरविंद केजरीवाल ने कहा, “एक महिला जब दिल्ली की बस में चढ़ती है, अगर उसे बैठने की सीट न मिले तो मैं जानता हूं कि उसके साथ क्या व्यवहार किया जाता है। कोई इधर से छेड़ता है, कोई उधर से छेड़ता है। कोई तंग करता है। किस तरह से दिल्ली की बसों में जेब कतरे काम करते हैं। किस तरह से अपराध होते हैं। जब हमारी सरकार बनी तो हमने दिल्ली की बसों में ‘बस मार्शल’ नियुक्त किए थे। मुझे पता है किसी महिला से छेड़खानी होने पर बस मार्शल आरोपी को पकड़कर थाने ले जाते थे। एक बस मार्शल ने तो बकायदा चार साल के बच्चे को किडनैपर से बचाया था।”
केजरीवाल ने कहा कि बस मार्शलों को हटाने से एक तरफ दिल्ली की बसों में महिला सुरक्षा के साथ समझौता किया गया, दूसरी तरफ बस मार्शलों की नौकरी करने वाले युवा बेरोजगार हो गए। उन्होंने कहा, “एक बस मार्शल को केवल 15 हजार रुपये का वेतन मिलता था, लेकिन इन लोगों ने 10 हजार मार्शलों की नौकरी छीन ली। बस मार्शल की नौकरी करने वाले ये सब लोग गरीब परिवारों से थे।”
केजरीवाल ने कहा कि शनिवार को मुख्यमंत्री आतिशी समेत पूरी कैबिनेट ने बस मार्शल के मुद्दे पर उनके साथ चर्चा की। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “जब मैं जेल में था तो इन लोगों ने 500 डाटा एंट्री ऑपरेटर्स को नौकरी से निकाल दिया जो सरकारी अस्पतालों में रोगियों की पर्चियां बनाते थे। सीवर की सफाई करने वाले एक हजार लोगों को इन्होंने नौकरी से निकाल दिया। इन्होंने अलग-अलग विभागों से फेलो हटा दिए। पांच हजार होमगार्ड्स का वेतन पिछले पांच महीने से रोक रखा है। पिछले पांच-छह महीने से वृद्धावस्था पेंशन और विधवा पेंशन रोक रखी है। इन लोगों ने डीटीसी कर्मचारियों की पिछले आठ महीने से पेंशन रोक रखी है। ये सभी गरीब लोग हैं, जिनकी वेतन या पेंशन रोक ली गई।”
आप संयोजक ने कहा कि अब चिंता करने की कोई बात नहीं है, “मैं आ गया हूं और सबको उनका पेंशन और वेतन दिलवाऊंगा”। उन्होंने भाजपा को उसके और उसके सहयोगी दलों की सरकारों वाले 22 राज्यों में दिल्ली की तरह ‘मुफ्त’ बिजली देने की चुनौती दी। उन्होंने कहा, “अगर भाजपा ऐसा करती है तो दिल्ली में, मैं स्वयं घूम-घूमकर भाजपा को वोट देने के लिए प्रचार करूंगा।”
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