नई दिल्ली। केन्द्र सरकार पेंशन कानून में बदलाव की तैयारी कर रही है. इससे एक तरफ जहां पेंशन रेग्युलेटर PFRDA को ज्यादा अधिकार मिलेंगे, वहीं आम आदमी को भी कई सारे फायदे होंगे. जानिए पूरी खबर…
सूत्रों के हवाले से दी गई टीओआई की खबर के मुताबिक पेंशन कानून में बदलाव के बाद PFRDA के पास ज्यादा अधिकार होंगे. PFRDA आम लोगों को रिटायरमेंट के वक्त उनके फंड विड्रॉल करने में पहले से ज्यादा फ्लैक्सिबिलिटी ऑफर कर सकेगा. कानून में बदलाव के बाद आम लोगों के लिए पेंशन फंड निकालने से जुड़े कई नियम आसान हो जाएंगे. पेंशन कानून में संभावित बदलाव के बाद आम लोग रिटायरमेंट के वक्त ‘सिस्टमेटिक विड्रॉल प्लान’ में निवेश कर सकेंगे. वहीं वह महंगाई से लिंक एन्युनिटीज का विकल्प भी चुन सकेंगे. इसके अलावा उनके पास अपने रिटायरमेंट फंड के एक हिस्से को अलग-अलग एन्युनिटी प्लान में निवेश करने का ऑप्शन होगा, ताकि उन्हें उनके फंड पर अच्छा रिटर्न मिल सके.
PFRDA आम लोगों को जो सिस्टमेटिक विड्रॉल प्लान उपलब्ध कराएगा, उससे लोगों को रिटायरमेंट के बाद एक फिक्स इनकम हासिल हो सकेगी. वहीं महंगाई से लिंक एन्युनिटी प्लान से उन्हें महंगाई के हिसाब से रिटर्न मिलेगा. इसके लिए 10 साल की मैच्योरिटी वाली सरकारी प्रतिभूतियों को बेंचमार्क बनाया जा सकता है.
पेंशन कानून में संभावित बदलाव के बाद नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट को PFRDA से अलग किया जाएग. वहीं सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि बीमा सेक्टर में अधिकतम FDI 74% रहे. इसके अलावा PFRDA को गलती करने पर पेनल्टी वसूलने का भी अधिकार मिलेगा. इस तरह PFRDA एक नियामक के तौर पर अधिक मजबूत होगा.
खबर के मुताबिक कानून में संभावित बदलाव का सबसे ज्यादा फायदा NPS के सब्सक्राइबर को मिलेगा. NPS को अधिक आकर्षक बनाने के लिए रेग्युलेटर इसमें विड्रॉल के एक्स्ट्रा ऑप्शन देगा. मौजूदा समय में NPS के सब्सक्राइबर रिटायरमेंट के टाइम 60% तक फंड की निकासी कर सकते हैं और बाकी फंड उन्हें किसी एन्युनिटी में निवेश करना होता है. पेंशन कानून में संभावित बदलाव लाने वाले विधेयक पर केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय के सचिव कई महीने से चर्चा कर रहे हैं. इसके लिए सचिवों की एक कमेटी बनाई गई थी.
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