नई दिल्ली । मुख्यमंत्री आतिशी (Chief Minister Atishi) ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए (For increasing pollution in Delhi) केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया (Central Government held Responsible) । आतिशी ने कहा कि देशभर के अलग-अलग राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेप 4 लागू करने में देरी पर दिल्ली सरकार पर नाराजगी जताई है।
आतिशी ने कहा है कि देशभर के अलग-अलग राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं और इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। केंद्र सरकार इन राज्यों पर कोई भी लगाम नहीं लग रही है। जबकि पंजाब एक ऐसा राज्य है जहां पर पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं, उन पर रोक लगाई गई है। दिल्ली वाले सांस नहीं ले पा रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आतिशी ने कहा है कि पूरे उत्तर भारत में चिकित्सा आपातकाल की स्थिति पैदा हो गई है, क्योंकि देश भर में पराली जलाना अनियंत्रित रूप से जारी है। देश भर के सभी राज्य यूपी, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, एमपी और दिल्ली, प्रदूषण के गंभीर स्तर से जूझ रहे हैं और फिर भी पिछले 5 वर्षों से पूरे भारत में पराली जलाने की बढ़ती गंभीरता के बावजूद, केंद्र सरकार ने इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। पूरा उत्तर भारत इसकी कीमत चुका रहा है, खासकर बच्चे और बुजुर्ग जिन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
आतिशी ने कहा है कि आज दिल्ली के लोग बहुत परेशान हैं। दिल्ली के लोग सांस नहीं ले पा रहे हैं। कल रात से मुझे कई फ़ोन आ रहे हैं। किसी को बुजुर्ग को एडमिट करना है। किसी के बच्चे सांस नहीं ले पा रहे हैं। छोटे बच्चे को सांस लेने के लिए इनहेलर लेना पड़ रहा है। क्योकि देश में जगह जगह पराली जल रही है लेकिन केंद्र सरकार हाथ पर हाथ रख कर सो रही है। उत्तर भारत के तमाम शहर बुरी तरह से प्रदूषित हैं लेकिन केंद्र सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है।
आतिशी ने कहा है कि एक्यूआई बहुत ही खराब हो चुका है। आज देश भर के लोग सांस नहीं ले पा रहे हैं। चाहे हरियाणा है चाहे उत्तरप्रदेश हो हर जगह पराली जल रही है। अगर कहीं पराली जलनी कम हुई है तो वो पंजाब है। आतिशी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश और अन्य जगहों पर भी चाहे वह बुलंदशहर हो या चाहे वह पटना हो, सभी जगह एक्यूआई खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है और इस पर केंद्र सरकार ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच ग्रैप-4 की पाबंदियां सोमवार से लागू हो रही हैं। इसे देखते हुए देश की राजधानी दिल्ली में 10वीं और 12वीं क्लास को छोड़कर अन्य सभी स्कूल बंद रहेंगे। मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार शाम को राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर कक्षा10 और 12 को छोड़कर सभी छात्रों के लिए फिजिकल क्लासेस बंद करने की घोषणा की है। सीएम आतिशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “सोमवार से ग्रैप-4 लागू होने के साथ ही दिल्ली में कक्षा 10वीं और 12वीं को छोड़कर सभी छात्रों के लिए फिजिकल क्लासेस बंद रहेंगी। अगले आदेश तक सभी स्कूल ऑनलाइन क्लासेस आयोजित करेंगे।”
बता दें कि दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और पर्यावरण मंत्रालय द्वारा गठित वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने सोमवार (18 नवंबर) से दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण (ग्रैप-4) को लागू करने का फैसला लिया है। ग्रैप-4 लागू किए जाने के बाद वायु गुणवत्ता के स्तर को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा कई कड़े उपाय लागू किए जाएंगे। इस चरण में कारखानों, निर्माण कार्यों, और यातायात पर कड़ी पाबंदियां लगाई जाएंगी, ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। उल्लेखनीय है कि जब प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और औसत एक्यूआई 450 को पार कर जाता है तो ग्रैप का चौथा चरण लागू किया जाता है। ग्रैप-4 लागू होने के बाद प्रतिबंध सबसे ज्यादा और सबसे कड़े होते हैं।
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