रांची । राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता (Loksabha Membership of Rahul Gandhi) खत्म किए जाने पर (On Termination) झारखंड के मुख्यमंत्री (Jharkhand CM) हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि सत्तारूढ़ केंद्र सरकार (Ruling Central Government) अब राजनीतिक मतभेद में (Now in Political Differences) प्रतिशोध पर उतर आई है (Come Down to Vendetta) । भारतीय जनता पार्टी आज के वक्त को एक तरफ अमृतकाल कहती है, तो दूसरी तरफ वह विपक्ष के नेताओं के खिलाफ सत्ता के हर हथकंडे का इस्तेमाल कर रही है। हेमंत सोरेन ने कहा कि न्यू इंडिया में अमृतकाल केवल भाजपा के नेताओं और सदस्यों पर लागू होता है, जबकि इस देश के पूरे विपक्ष और नागरिकों के लिए यह आपातकाल है।
पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि राहुल गांध इस देश और देश की जनता के लिए लगातार सड़क से संसद तक लड़ रहे हैं। लोकतंत्र को बचाने की हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं। हर षड्यंत्र के बावजूद वह यह लड़ाई हर कीमत पर जारी रखेंगे और इस मामले में न्यायसंगत कार्यवाही करेंगे। इस मामले में हम राजनीतिक और कानूनी दोनों स्तरों पर लड़ाई जारी रखेंगे।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करने की कार्रवाई को लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला अचम्भित करने वाला और घोर निन्दनीय है। हिन्दुस्तान की संसदीय राजनीति में ऐसी जल्दबाजी पहले कभी नहीं हुई है। राहुल गांधी को सदन में बोलने से रोका जा रहा है, तो हम सड़क पर अपनी बात रखेंगे।
राहुल गांधी की सजा पर विरोध जताते हुए झारखंड कांग्रेस के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने रांची में विरोध मार्च भी निकाला। इसमें कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता शामिल रहे।
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