नई दिल्ली (New Delhi) । जीएसटी फ्रॉड (GST Fraud) करने वालों पर केंद्र सरकार (Central government) का शिकंजा कसता जा रहा है. चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तीन तिमाही में केंद्र सरकार ने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के देश भर में 1700 फर्जी मामलों में धरपकड़ की. आईटीसी सिंडिकेट बनाकर इन लोगों ने लगभग 18 हजार करोड़ रुपये का चूना सरकार को लगाया था. इन जीएसटी के फर्जी मामलों में 98 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है. यह कार्रवाई डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) ने की.
चालू वित्त वर्ष के 9 महीनों में हुई यह धरपकड़
पीआईबी की रिपोर्ट के अनुसार, डीजीजीआई ने अप्रैल 2023 से लेकर दिसंबर, 2023 तक लगातार इन फर्जी सिंडिकेट की धरपकड़ की. चालू वित्त वर्ष में जीएसटी इंटेलिजेंस का पूरा जोर फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट ले रहे लोगों पर रहा है. डीजीजीआई ने देशभर से ऐसे सिंडिकेट चला रहे लोगों की धरपकड़ की है. टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ शिकंजा कसने में एडवांस टेक्नोलॉजी ने जीएसटी इंटेलिजेंस की बहुत मदद की. डाटा एनालिसिस से ऐसे केस पकड़ने में काफी आसानी हो गई.
नौकरी, कमीशन या बैंक लोन के नाम पर हो रही थी धोखाधड़ी
यह टैक्स सिंडिकेट भोले भाले लोगों को फंसाते हैं. ये सिंडिकेट इन लोगों से नौकरी, कमीशन या बैंक लोन के नाम पर दस्तावेज जुटा लेते हैं. फिर इन्हीं दस्तावेज का इस्तेमाल करके बिना उनकी जानकारी या सहमति के फर्जी कंपनियां (शेल कंपनियां) बनाई जाती हैं. कुछ मामलों में उन्हें कुछ लाभ देकर सहमति भी ली गई थी.
सिरसा सिंडिकेट ने किया 1100 करोड़ का फर्जीवाड़ा
जानकारी के अनुसार ऐसा ही एक बड़ा सिंडिकेट हरियाणा के सिरसा से चलाया जा रहा था. ई-वे बिल पोर्टल का इस्तेमाल करके इसका पता लगाया गया. जांच से पता चला कि दिल्ली की एसडी ट्रेडर्स कोई भी सप्लाई नहीं ले रही थी. फिर भी वह बड़ी संख्या में ई-वे बिल जारी कर रहे थे. जांच के दौरान दिल्ली और हरियाणा की 38 फर्जी कंपनियों का पता चला. इसके बाद सिरसा में छापेमारी के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि इन सभी ने मिलकर सरकार को लगभग 1100 करोड़ रुपये का चूना लगाया है.
294 फर्जी कंपनियां बनाकर 1033 करोड़ रुपये हड़पे
एक अन्य रोचक केस जयपुर, राजस्थान से सामने आया. इसने सोनीपत और दिल्ली की कुछ फर्जी कंपनियों से आईटीसी लिया था जबकि किसी सामान की खरीद फरोख्त नहीं हुई थी. इसके बाद फर्जी कंपनियां बनाने, चलाने और बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ. इन लोगों ने मिलकर लगभग 294 फर्जी कंपनियां बनाकर 1033 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया. इस तरह के मामले पूरे देश में सामने आए हैं. डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस ने कहा है कि वह आगे भी जीएसटी फर्जीवाड़े में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते रहेंगे.
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