नई दिल्ली । केंद्र सरकार (Central Government) ने वन्यजीव आवास एकीकृत विकास योजना के लिए (For Wildlife Habitat Integrated Development Scheme) 2602.98 करोड़ रुपये मंजूर किए (Approved Rs. 2602.98 crore) ।
इसका फायदा देश के 55 बाघ अभयारण्य, 33 हाथी अभयारण्य, 718 संरक्षित इलाकों को मिलेगा। इस योजना के कारण इको-टूरिज्म और इससे जुड़ी गतिविधियों से 50 लाख से ज्यादा रोजगार दिवसों के आजीविका के अवसर पैदा होंगे। इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर शामिल हैं। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक, इस स्कीम में बाघ, हाथी और वन्य जीवों के प्राकृतिक आवास के विकास से जुड़े प्रोजेक्ट्स शामिल है। यह सरकार की 100-दिवसीय कार्य योजना में शामिल योजनाओं में से एक थी।
प्रोजेक्ट टाइगर, दैनिक प्रबंधन प्रक्रियाओं में एम-स्ट्रिप्स (बाघों, गहन संरक्षण और पारिस्थितिक स्थिति के लिए निगरानी प्रणाली) मोबाइल एप्लीकेशन जैसी टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है। यह ऐप ‘डिजिटल इंडिया’ पहल के अनुरूप है और इसका उपयोग 2022 में पूरे भारत के बाघ अनुमान के पांचवें चक्र के दौरान क्षेत्र स्तर पर पारिस्थितिक डेटा के संग्रह के लिए बड़े पैमाने पर किया गया। प्रोजेक्ट टाइगर का एक घटक प्रोजेक्ट चीता भी है, जिसे वन्यजीव आवास एकीकृत विकास योजना के तहत जारी रखा गया है।
प्रोजेक्ट शेर को भी वन्यजीव आवास एकीकृत विकास योजना के तहत रखा गया है, जिससे ‘अमृत काल का विजन: शेर @2047’ दस्तावेज के तहत निर्धारित की गई गतिविधियों को पूरा किया जा सके। प्रोजेक्ट हाथी के तहत मानव-हाथी के संघर्ष को रोकने के लिए सूचना और संचार टेक्नोलॉजी का फायदा उठाने को प्राथमिकता दी जाएगी। शुरुआत में इसे प्रायोगिक आधार पर लागू किया जाएगा। फिर इसे बड़े स्तर पर लागू किया जाएगा।
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