नई दिल्ली (New Delhi) । केंद्र सरकार (Central government) ने अंतरिम बजट (Interim Budget) में किए गए रक्षा आवंटन को ही पूर्ण बजट में भी कामय रखा है। सिर्फ आईडेक्स योजना (IDEX Scheme) के लिए 400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया गया है। उम्मीद की जा रही थी कि पूर्ण बजट के दौरान इसमें कुछ और बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मंगलवार को पेश बजट में वर्ष 2024-25 के लिए रक्षा क्षेत्र के लिए 6.21 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह पिछले साल के बजट 5.94 लाख करोड़ की तुलना में करीब पांच फीसदी ही अधिक है। रक्षा विशेषज्ञ इसे अपेक्षित बढ़ोतरी नहीं मान रहे हैं। केंद्र सरकार के कुल बजट का 12.9 फीसदी डिफेंस सेक्टर के लिए आवंटित किया गया है। इस लिहाज से देखें तो यह आवंटन अच्छा खासा है। आईडेक्स के लिए आवंटित बजट को डिफेंस टेक कंपनियों को अनुसंधान के लिए दिया जाता है।
आत्मनिर्भरता को और बढ़ावा देगा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि जहां तक रक्षा मंत्रालय के लिए आवंटन की बात है, मैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 6.21 लाख करोड़ रुपये के सर्वाधिक आवंटन के लिए धन्यवाद देता हूं, जो 2024-25 के लिए सरकार के कुल बजट का 12.9 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि 1,72,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत परिव्यय सशस्त्र बलों की क्षमताओं को और मजबूत करेगा।
घरेलू पूंजीगत खरीद के लिए 1,05,518.43 करोड़ रुपये का प्रावधान आत्मनिर्भरता को और बढ़ावा देगा। उपरोक्त राशि रक्षा खरीद के लिए होती है। बता दें कि केंद्र सरकार रक्षा खरीद के लिए आवंटित बजट के 75 फीसदी हिस्से को घरेलू स्तर पर खरीद के लिए खर्च कर रही है। इसके लिए बाकायदा नियम बनाए गए हैं।
पेंशन के लिए 1.41 लाख करोड़
रक्षा बजट का एक बड़ा हिस्सा भूतपूर्व सैनिकों की पेंशन पर खर्च होता है। इस बार 1.41 लाख करोड़ रुपये रक्षा पेंशन के लिए आवंटित किए गए हैं। पिछले साल से इसमें महज 2.17 फीसदी की वृद्धि हुई है। एक जनवरी, 2025 से वन रेंक वन पेंशन की नई दरें लागू होनी है, जिसके चलते पेंशन के लिए और बजट की दरकार होगी। इसके लिए अभी बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि इसके लिए तब अलग से आवंटन सरकार को करना पड़ेगा।
संचालनात्मक तैयारियों के लिए 91,088 करोड़
संचालनात्मक रक्षा तैयारियों के लिए 91,088 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो पिछले बजट की तुलना में 9.40 फीसदी ज्यादा है। चिकित्सा सेवाओं के लिए 6969 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो पिछले व्यय से 70 फीसदी ज्यादा है। थल सेना के लिए आवंटन 1,92,680 करोड़ रुपये आंका गया है, जबकि नौसेना और वायु सेना को क्रमशः 32778 करोड़ रुपये और 46,223 करोड़ दिए गए हैं। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के लिए 6500 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है, जो पिछले बजट से 30 फीसदी ज्यादा है।
रक्षा बजट
2024-25 में 6,21 लाख करोड़
2023-24 में 5.94 लाख करोड़
2022-23 में 5.25 लाख करोड़
2021-22 में 5.78 लाख करोड़
विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट जनरल राजेन्द्र सिंह ने इस बजट पर कहा कि अंतरिम बजट के आवंटन को ही आगे बढ़ाया गया है। कुल बढ़ोतरी पांच फीसदी से भी कम है। देखा जाए तो रक्षा आवंटन में कोई बढ़ोतरी हुई ही नहीं है, क्योंकि पांच फीसदी से कहीं ज्यादा तो महंगाई का असर आ जाता है। जिस प्रकार से भारत दो सीमाओं पर रक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है, उसके मद्देनजर रक्षा खरीद और संचालनात्मक तैयारियों के लिए ज्यादा राशि की दरकार है। इसी प्रकार बलों को हथियारों की खरीद के लिए भी नए साजो-सामान की जरूरत है। यह ठीक है कि सरकार घरेलू खरीद को बढ़ावा दे रही है, लेकिन यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि हमारे बल अत्याधुनिक तकनीकों से लैस हो। इसलिए रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन को और बढ़ाए जाने की जरूरत है।
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