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    केन्द्र और राज्य सरकार कर रही गांव की सूरत बदलने का काम: शिवराज

  • February 05, 2022

    भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार (central and state government) गांव की सूरत बदलने का काम कर रही हैं। गांव में पेयजल की सहज उपलब्धता के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल जीवन मिशन की सौगात दी है, जो विशेषकर ग्रामीण महिलाओं के लिये वरदान साबित हो रही है। मिशन से प्रदेश के सभी ग्रामीण अंचलों में एकल और समूह पेयजल योजना बनाकर युद्ध-स्तर पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मिशन से अब तक चार हजार से अधिक ग्रामों के सौ फीसदी घरों में नल से जल की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। इन्हें मिलाकर अबतक मिशन से प्रदेश के 46 लाख से अधिक परिवारों को नल से जल उपलब्ध हो गया है। साथ ही जल की शुद्धता पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।


    मुख्यमंत्री चौहान शुक्रवार को जल जीवन मिशन से प्रदेश के लाभान्वित ग्रामों के रहवासियों से वर्चुअल संवाद कर रहे थे। कुशाभाऊ ठाकरे हॉल भोपाल में हुए इस संवाद में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव, अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मलय श्रीवास्तव उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सांसद, विधायक, जन-प्रतिनिधि, ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्य और मिशन से लाभान्वित ग्रामीण महिलाएं वर्चुअली शामिल हुए।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था को सुधारने का कार्य तेज गति से किया जा रहा है। आवासहीन परिवारों को आवास सुविधा और अब गांव-गांव, घर-घर पेयजल की व्यवस्था जल जीवन मिशन से की जा रही है। हमारी प्राथमिकता में गांव में बिजली, पानी, शिक्षा, राशन, उपचार, स्व-रोजगार के साथ स्वच्छता भी है। सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जाने वाली इन सुविधाओं को हम जन-भागीदारी से संचालित कर रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों से पानी और बिजली के अपव्यय को रोकने की अपील भी की।

    उन्होंने कहा कि आज विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं से संवाद में यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता हुई कि वे घर में नल से आ रहे जल का महत्व भली-भांति जानती हैं। जल के महत्व को उनसे ज्यादा कोई नहीं समझ सकता, क्योंकि मिशन के पूर्व वे 2-2 किलोमीटर से अधिक पैदल चलकर पानी लाया करती थी। अब उनकी समस्या का निदान हो गया है। अपने घर में नल से जल आता देख सुखद आनंद की अनुभूति होती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 तक प्रदेश के सभी ग्रामों में नल से जल पहुंचाया जाएगा। शुद्ध पेयजल की उपलब्धता से लोगों को अनेक रोगों से भी मुक्ति मिलेगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन से हर गांव पेयजल की सहज उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये 45 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है। इसमें 50 प्रतिशत केन्द्रांश और 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा व्यय की जा रही है। अभी तक जिन चार हजार से अधिक ग्रामों में मिशन की परियोजना लागू हुई है, उसके संचालन एवं संधारण का काम ग्राम स्तरीय जल एवं स्वच्छता समिति द्वारा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने संवाद के दौरान सभी समिति सदस्यों को धन्यवाद दिया और उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की।

    मुख्यमंत्री का संवाद

    मुख्यमंत्री ने भोपाल जिले के बिलखिरिया ग्राम पंचायत की अनीता मालवीय से गांव में पहले की पेयजल व्यवस्था और मिशन में घर-घर लगे नल के संबंध में जानकारी ली। अनीता ने बताया कि पहले एक-दो किलोमीटर से पानी लाना पड़ता था। हमारे घर में जल से नल मिलेगा, ऐसा हमने सोचा भी नहीं था।

    मुख्यमंत्री से जल जीवन मिशन में लाभांवित सीहोर जिले के ग्राम सतपिपलिया के मंगलेश, अनूपपुर जिले के ग्राम हर्राखेड़ा की ममता, अशोकनगर जिले के ग्राम सेहराई की रचना विश्वकर्मा, जबलपुर जिले के ग्राम नीमखेड़ा के विपिन गर्ग, छिन्दवाड़ा जिले के ग्राम मऊ की वैशाली डोगले, दमोह जिले के ग्राम सिमरी शुक्ला की किरण शुक्ला, देवास जिले के ग्राम बरखेड़ा कायम के ज्ञानेश्वर, मण्डला जिले के ग्राम भंवरदा की भगवती, सिवनी जिले के ग्राम भुनगापार के शरीफ खान, रीवा जिले के ग्राम जुड़भनियां मुरली की सविता, नीमच जिले के ग्राम उम्मेदपुरा के दुर्गाशंकर और पन्ना जिले के ग्राम रामनगर के राकेश सोनी ने अपने अनुभव साझा किये।

    मुख्यमंत्री ने मिशन में लाभान्वित ग्रामों की ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति, ग्रामीण और जन-प्रतिनिधियों से भी वर्चुअल संवाद किया। उन्होंने कहा कि बहनों के चेहरे की मुस्कुराहट मेरे मुख्यमंत्री बनने की सार्थकता है। हमारे गाँव की बहन-बेटियों का आधा जीवन तो जल की व्यवस्था में ही बीत जाता था। अब घर में नल कनेक्शन से मिल रहे पानी से उन्हें काफी राहत महसूस हो रही है और पानी की जद्दोजहद में निकलने वाला समय उनके और परिवार की आर्थिक उन्नति में काम आयेगा। उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया कि 45 हजार करोड़ से हो रहे कार्यों की देख-रेख अपने कार्य समझकर करें। इससे जल-प्रदाय योजनाओं का संचालन-संधारण बेहतर होगा और उसका लाभ भी लम्बे समय तक मिलता रहेगा।

    मुख्यमंत्री ने बताईं ग्रामों की विशेषताएं

    मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन में नल से जल घोषित ग्रामों के लाभार्थियों से बातचीत के दौरान संबंधित ग्रामों की विशेषताओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने सीहोर के ग्राम धामंदा के शहीद जितेंद्र वर्मा का उल्लेख भी किया। शहीद के परिवार को मप्र सरकार द्वारा एक करोड़ रुपये की राशि देने की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों से बातचीत के क्रम में ग्राम सहराई के लाभार्थियों से बातचीत के दौरान कहा कि यह हर्ष की बात है कि इस ग्राम के दीपेश जैन इसरो के लिए कार्य कर रहे वैज्ञानिक हैं। मुख्यमंत्री ने अन्य ग्रामों की विशेषताओं का उल्लेख भी किया। (एजेंसी, हि.स.)

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