सीहोर, कपिल सूर्यवंशी। कोरोना संक्रमण काल के फैलाव को रोकने के लिए अचानक से लगाए गए लाकडाउन से लोगों के काम पर बुरा असर पड़ा। लाकडाउन लंबे समय तक रहा। जिससे मध्यम और कम आय वाले लोग आर्थिक रूप से टूट ही गये। ऐसे परिवारों को खाद्यन्न मुहैया कराने के उददेश्य से केन्द्र सरकार प्रधान मंत्री अन्न योजना लाई, योजना के तहत गरीब और कम आय वाले लोगों को प्रदेश और केन्द्र सरकार के द्वारा अनाज गेंहू चावल और नमक प्रदान किया जा रहा था। अब इसमें केन्द्र सरकार की योजना का राशन जनवरी महीने से बंद कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि गरीबी रेखा में जीवन यापन करने वाले और अन्य श्रेणियों में पात्र हितग्राहियों को राष्ट्रीय खादय सुरक्षा अधिनियम के तहत पीडीएस दुकानों से राशन वितरण किया जाता है। कोरोना काल से ही पात्र हितग्राहियों को प्रति व्यक्ति 10 किलो राशन मिल रहा था। अब जनवरी महीने से केन्द्र सरकार की योजना बंद कर दी गई प्रदेश सरकार अन्त्योदय अन्न योजना के तहत प्रतिव्यक्ित पांच किलो अनाज दिया जा रहा है। इसमें गेहूं और चावल शामिल हैं।
दो किलो गेहूं के सहारे पूरा महीना
अचानक से योजना में बदलाव के कारण हितग्राही परेशान है और राशन दुकान से लेकर खाद्य विभाग तक के चक्कर काट रहे हैं। हितग्राहियों का कहना है कि कोरोना काल के बाद से हालात सामान्य जरूर हो गए हैं, लेकिन रोजगार की स्थिति अभी भी सही नहीं है, ऐसेमें योजना बंद करना ठीक नहीं है, वहीं इस माह 2 किलो गेहूं प्रति व्यक्ति और 3 किलो चावल प्रति व्यक्ति प्रदान किये गए हैं अब दो किलो गेहूं के सहारे पूरा महीना कैसे निकालेंगे, समझ नहीं आ रहा है, दुकान से मंहगा गेहूं खरीदना पड़ेगा।
दुकानों पर नहीं फोटीफाइड चावल
कुपोषण के दंश को मिटाने के लिए प्रोटीन युक्त फोटीफाइड चावल, जनवरी महीने से पीडीएस की दुकानों पर हितग्राहियों का बांटा जाना था, लेकिन देखने में यह आ रहा है कि इस महीने राशन बंटना तो शुरू हो गया, लेकिन फोटी फाइड चावल नहीं बांटा गया। जिले के कई इलाकों में गरीब तबका है, पौष्टिक आहार मंहगाई के कारण से नहीं ले पाते हैं।
इनका कहना है…
इस संबंध में सहायक जिला खाद्य अधिकारी सुनील कुमार बोहित कहना है कि दोनों योजनाओं का मर्ज कर दिया गया है। पूर्व में भी प्रति व्यक्ति पांच किलो राशन वितरित किया जाता था, कोरोना संकट के समय एक राशन अतिरिक्त दिया जा रहा था, इसे केन्द्र से ही बंद किया गया है।
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