नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार (International market) में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट (Edible oil prices fall) के बाद केंद्र सरकार (Central government) ने खाद्य तेल निर्माता कंपनियों को फौरन कीमत कम करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने कंपनियों को एक सप्ताह के अंदर दस रुपए प्रति लीटर कीमत कम करने की हिदायत दी है। इसके साथ सरकार ने यह निर्देश भी दिया है कि पूरे देश में एक ब्रांड के खाद्य तेल का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) (Maximum Retail Price (MRP)) एक होना चाहिए।
वैश्विक स्तर पर खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट को देखते हुए खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने खाद्य तेल संघों और प्रमुख खाद्य तेल निर्माताओं के साथ बैठक की। खाद्य सचिव ने कहा कि जब खाद्य तेल की एमआरपी में परिवहन और अन्य लागतों को पहले ही शामिल कर लिया जाता है, तो एमआरपी में फर्क नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह कीमतें 10 रुपये कम हो जाएंगी।
वजन घटाने का खेल बंद करें कंपनियां
बैठक में खाद्य तेल बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ उपभोक्ताओं की बढती शिकायतों पर भी चर्चा हुई। सुधांशु पांडे ने कहा कि कुछ कंपनियां खाद्य तेल 15 डिग्री तापमान पर पैक करती हैं। इस तापमान पर तेल फैलता है और उसका वजन कम होता है।
पिछली कटौती का लाभ अभी नहीं मिला
पिछले महीने कई खाद्य तेल कंपनियों ने कीमतों में 10 से 15 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी, लेकिन अभी घटे हुए दाम वाले तेल खुदरा दुकानदारों तक नहीं पहुंचे हैं। एसईए के कार्यकारी निदेशक बी.वी.मेहता ने कहा कि खुदरा बाजार में इसका असर दिखने में कुछ समय लगेगा।
क्यों बढ़े थे दाम
भारत अपनी खाद्य तेल जरूरत का 60 फीसदी आयात करता है। इस साल यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण खाद्य तेल कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया क्योंकि वैश्विक खाद्य तेल की जरूरतों का बड़ा हिस्सा दोनों देश निर्यात करते हैं। वहीं इडोनेशिया ने 28 अप्रैल को निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। इससे देश में तेजी से दाम बढ़ा।
तेजी से घटेगी कीमत
कारोबारियों का कहना है कि जल्द खाद्य तेलों की कीमतें 125 रुपए प्रति लीटर तक होगी। उनका कहना है कि खाद्य तेल के सस्ता होने से इनसे बनने वाले मिक्चर, बिस्कुट, मिठाई, पापड़, साबुन आदि की कीमतें भी घटेंगी।
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