नई दिल्ली: झारखंड (Jharkhand) में ‘श्री सम्मेद शिखर’ तीर्थ स्थल ही रहेगा. केंद्र सरकार (central government) ने अपने अधिकारों का इस्तेमास करते हुए नोटिफिकेशन जारी (release of notification) कर दिया है. मध्य प्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री ओ. पी. सकलेचा ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (Chief Minister Shivraj Singh) ने पहले ही इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से बातचीत की थी. उन्होंने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) के निर्देश पर अब श्री सम्मेद शिखर तीर्थ स्थल ही रहेगा, उसमें कोई बदलाव नहीं होगा. उन्होंने बताया कि तीर्थ क्षेत्र में कोई निर्माण कार्य नहीं होगा और स्थल की पवित्रता बनाए रखने के लिए वहां होटल, ट्रैकिंग और नॉन वेज पर भी रोक रहेगी.
मंत्री ओ. पी. सकलेचा ने कहा कि सम्मेद शिखर सिर्फ जैन समाज के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए पवित्र स्थान है. उन्होंने बताया, ‘तय हुआ है कि एक बोर्ड का गठन किया जाएगा, जिसमें दो लोग जैन समाज, स्थानीय प्रतिनिधि और सरकार के प्रतिनिधि होंगे. जो भी निर्णय करना होगा बोर्ड करेगा.’ उन्होंने कहा कि वह स्थान तीर्थ स्थल ही बना रहेगा, पर्यटन स्थल का दर्जा वापस ले लिया गया है.
मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पहले दिन ही घोषणा कर दी थी सरकार जैन समाज के साथ है और इस बारे में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से भी वार्ता की थी. उन्होंने कहा, ‘उसी दिन से साफ था कि जैन समाज की भावनाओं को आहत नहीं होने देंगे, घोषणा आज हुई है. झारखंड सरकार ने जो किया सो किया, लेकिन उसका राजनीतिकरण करने का प्रयास किया गया.’
उन्होंने माना कि जैन समाज के दबाव के चलते ही केंद्र सरकार ने अपने अधिकारों का प्रयोग किया. उन्होंने कहा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के मन में साफ है कि किसी भी स्थान की पवित्रता के साथ खिलवाड़ नहीं होगा. यह भी सोचना होगा 2019 के नोटिफिकेशन की बात 2023 में क्यों आ रही है.’
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