नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (Sikh For Justice) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने संगठन के साथ घनिष्ठ संबंध रखने वाले ‘पंजाब पॉलिटिक्स टीवी’ के ऐप्स, वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया है.
सरकार ने बताया है कि खुफिया इनपुट के आधार पर यह चैनल पंजाब विधानसभा चुनावों (Punjab Vidhansabha election) के दौरान सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए ऑनलाइन मीडिया (Online media) का उपयोग करने का प्रयास कर रहा था. इसके बाद मंत्रालय ने ‘पंजाब पॉलिटिक्स टीवी’ के डिजिटल मीडिया संसाधनों को ब्लॉक करने के लिए 18 फरवरी को आईटी नियमों के तहत आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल किया.
इससे पहले 18 फरवरी को ‘सिख फॉर जस्टिस’ के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने वीडियो जारी कर पंजाबी सिंह और एक्टर दीप सिद्धू की मौत को राजनीतिक हत्या बताया था. वीडियो में उसने आरोप लगाया था कि दीप सिद्धू की हत्या भारत सरकार ने कराई है. इसके बाद खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए थे. खालिस्तानी आतंवादी के फेसबुक वीडियो के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया था.
क्या है सिख फॉर जस्टिस
किसान आंदोलन के दौरान ‘सिख फॉर जस्टिस’ का नाम काफी चर्चा में रहा था. इस संगठन की नींव साल 2007 में अमेरिका में रखी गई थी. SFJ का मुख्य एजेंडा पंजाब में अलग से खालिस्तान बनाने का है. अमेरिका में वकील और पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई कर चुका गुरपतवंत सिंह पन्नू इस संगठन का मुख्य चेहरा है. ये संगठन पिछले कई दिनों से पंजाब की जनता को भड़काने का काम कर रहा है. गणतंत्र दिवस से पहले भी पन्नू ने हिंसा की धमकी दी थी. पन्नू ने कहा था कि अगर कोई हिंसा होती है तो उसके लिए भारत सरकार ही जिम्मेदार होगी.
वहीं पंजाब में 20 फरवरी को 117 विधानसभा सीटों के लिए मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो गई है. मतदान के बाद अब चुनाव नतीजों का इंतजार है जो 10 मार्च को आने हैं. मतदान के बाद हर सियासी दल अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहा है लेकिन 2017 की तुलना में अबकी बार पिछले चुनाव की तुलना में आठ फीसदी कम मतदान होने की वजह से सरकार को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है. 2017 में जहां 77.40 फीसदी मतदान हुआ था वहीं इस दफे 70 फीसदी मतदाता ही मतदान केंद्रों तक पहुंचे.
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