नई दिल्ली। सरकार आईडीबीआई बैंक में कम-से-कम 51 फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है। सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के अधिकारी हिस्सेदारी बेचने की योजना पर बातचीत कर रहे हैं। दोनों पक्षों की मिलाकर आईडीबीआई बैंक में 94 फीसदी हिस्सेदारी है। बिक्री के बाद भी दोनों पक्ष बैंक में कुछ हिस्सेदारी अपने पास रख सकते हैं।
ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से कहा कि सौदे का स्वरूप क्या होगा, इस पर अंतिम फैसला मंत्रियों की एक समिति को करना है। सरकार और एलआईसी सितंबर अंत में आकलन करेंगे कि खरीदारों की बैंक में कितनी दिलचस्पी है। आईडीबीआई बैंक के रणनीतिक विनिवेश और प्रबंधन नियंत्रण के स्थानांतरण के लिए मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने पिछले साल मई में सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।
इसके लिए आईडीबीआई बैंक के कानून में जरूरी संशोधन किया जा चुका है। इस बैंक में सरकार की 45.48 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि एलआईसी के पास 49.24 फीसदी शेयर हैं। हालांकि, वित्त मंत्रालय और आईडीबीआई बैंक के अधिकारियों ने इस पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया, जबकि एलआईसी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
427.7 अरब रुपये है बाजार पूंजीकरण
आईडीबीआई बैंक के शेयरों में पिछले 12 महीने में 6.3 फीसदी की तेजी आई है। इससे बैंक का बाजार पूंजीकरण बढ़कर 427.7 अरब रुपये पहुंच गया। बुधवार यानी 24 अगस्त को बीएसई पर दिन के कारोबार में बैंक का शेयर करीब 5 फीसदी चढ़कर 41 रुपये के स्तर पर पहुंच गया। आखिर में 2.82 फीसदी की बढ़त के साथ 40.10 रुपये पर बंद हुआ।
प्रबंधन का नियंत्रण सौंप सकती है सरकार
सरकार फिलहाल आईडीबीआई बैंक में अपनी और एलआईसी की कम-से-कम कुछ हिस्सेदारी बेचने के साथ उसका प्रबंधन नियंत्रण सौंपने की तैयारी में है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, आरबीआई निवेशकों को 40 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति दे देगा। केंद्रीय बैंक के दायरे में काम करने वाली कंपनियों को तय सीमा से ज्यादा हिस्सेदारी खरीदने के लिए अनुमति लेनी होती है। इसके दायरे से बाहर वाली कंपनियां 10-15 फीसदी हिस्सेदारी ही खरीद सकती है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved