नई दिल्ली. कोरोना संकट के कारण देश की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) प्रभावित हुई है. पिछले साल से अब तक लाखों लोगों की नौकरियां छिन (Job Loss) गई हैं तो करोड़ों लोगों का रोजगार ठप (Unemployment) हो गया. ऐसे में कई अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों ने केंद्र सरकार को नए करेंसी नोट छापकर (Print Currency Notes) अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और लोगों की नौकरियों को बचाने (Job Security) का सुझाव दिया. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने आज इसको लेकर संसद में जवाब दिया. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के कारण बने मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने के लिए सरकार की करेंसी नोट छापने की कोई योजना नहीं है.
‘जीडीपी में 7.3 फीसदी की कमी आने का है अनुमान’
वित्त मंत्री सीतारमण से सोमवार को लोकसभा में सवाल किया गया था कि क्या आर्थिक संकट से निपटने के लिए करेंसी छापने की कोई योजना है? इस पर उन्होंने कहा कि नहीं सर. ऐसी कोई योजना नहीं है. वित्त मंत्री सीतारमण ने लोकसभा में एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (Actual GDP) में 7.3 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि विकास दर (Growth Rate) में कमी का अनुमान कोरोना महामारी को रोकने के लिए किए गए उपायों के कारण है.
’29 लाख करोड़ से ज्यादा के पैकेज की घोषणा की’
केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान आर्थिक विकास को पुनर्जीवित करने और रोजगार बढ़ाने के लिए आत्मानिर्भर भारत (AtmaNirbhar Bharat) के तहत 29.87 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज (Stimulus Package) की घोषणा की थी. साथ ही कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के असर को स्थानीय प्रयासों के जरिये काफी कम किया जा सकता है. वहीं, वैक्सीनेशन अभियान (Vaccination Drive) की रफ्तार को बढ़ाने से इस पर काबू पाया जा सकता है.
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