नई दिल्ली। केंद्र सरकार (central government) ने आम लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol Diesel Price) रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद केंद्र सरकार (central government) ने दोनों ईंधन पर उत्पाद शुल्क में 5 रुपये और 10 रुपये की कटौती (Excise Duty Cut) कर दी है। केंद्र का कहना है कि दिवाली की पूर्व संध्या पर की गई इस घोषणा से ईंधन की आसमान छूती कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी और महंगाई (Inflation) की मार झेल रहे आम आदमी को राहत मिलेगी। हालांकि, इसके लिए केंद्र सरकार को राजस्व में भारी-भरकम नुकसान (Revenue Loss) झेलना पड़ेगा।
राजस्व में हर महीने होगा 8,700 करोड़ रुपये का नुकसान
अप्रैल से अक्टूबर के खपत के आंकड़ों के आधार पर उत्पाद शुल्क में कटौती से सरकार को हर माह 8,700 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। ऑयल इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इससे सालाना आधार पर 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का असर पड़ेगा। वहीं, चालू वित्त वर्ष की बाकी अवधि के लिए 43,500 करोड़ रुपये का असर पड़ेगा। बता दें कि उत्पाद शुल्क में कमी 4 नवंबर से लागू हो जाएगी. इसके साथ पेट्रोल की कीमत दिल्ली में मौजूदा 110.04 रुपये प्रति लीटर से घटकर 105.04 रुपये प्रति लीटर, जबकि डीजल की कीमत 98.42 रुपये प्रति लीटर से घटकर 88.42 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी।
उत्पाद शुल्क में अब की सबसे बड़ी कटौती की गई: FM
वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने 4 नंवबर 2021 की सुबह से पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमी को लागू करने का फैसला किया है. इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आएगी. यह उत्पाद शुल्क में की गई अब तक की सबसे बड़ी कटौती है. इसके साथ ही मार्च 2020 से मई 2020 के बीच पेट्रोल पर करों में 13 रुपये और डीजल पर 16 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि का एक हिस्सा वापस ले लिया गया है. उत्पाद शुल्क में उस समय की वृद्धि से पेट्रोल पर केंद्रीय कर 32.9 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.8 रुपये प्रति लीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।
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