नई दिल्ली । सरकार ने कहा कि 12-14 साल के बच्चों को कोविड-19 रोधी टीके (Covid-19 Vaccine) लगाने के संबंध में फैसला वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर किया जाएगा और इस संबंध में विचार-विमर्श जारी है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी. के. पॉल ने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अगर कोई कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित हैं तो वे तीन महीने के बाद दूसरी या एहतियाती खुराक ले सकते हैं.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर टीकाकरण शुरू किया गया है और यह सबसे संवेदनशील लोगों की रक्षा करने की धारणा पर आधारित है. इसलिए जैसे-जैसे वैज्ञानिक साक्ष्य मिलेंगे, हम राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम (Covid Vaccination Program) के दायरे का विस्तार करेंगे. उन्होंने कहा, ‘हमारा मकसद 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों का टीकाकरण है और यह फैसला वैज्ञानिक जानकारी पूर्ण होने और टीकाकरण कार्यक्रम के समग्र दृष्टिकोण के जरिए किया जाएगा. इस मामले में विचार-विमर्श चल रहा है.’
कोविड संक्रमित कब ले सकते हैं बूस्टर डोज
यह पूछे जाने पर कि कोविड-19 से पीड़ित व्यक्ति कब एहतियाती खुराक ले सकता है, पॉल ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित है तो वह तीन महीने के बाद दूसरी या एहतियाती खुराक ले सकता है. उन्होंने ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी परामर्श समूह (एनटीएजीआई) इस पर लगातार नजर रख रहा है और अगर कुछ भी बदलाव होता है तो फैसला किया जाएगा.’’
वहीं केंद्र सरकार ने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर के दौरान दिल्ली में अस्पतालों में बेड पिछले साल की दूसरी लहर की तुलना में काफी कम भरे थे. राष्ट्रीय राजधानी में दूसरी एवं तीसरी लहर के दौरान संक्रमण दर एवं अस्पतालों में भर्ती पर विश्लेषण प्रस्तुत करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि पहली अप्रैल से 20 मई, 2021 तक अस्तपालों में भर्तियां बहुत ही ज्यादा थीं. भूषण ने कहा, ‘‘ वर्तमान लहर में संक्रमण दर में वृद्धि के बावजूद तीसरी लहर में अस्पतालों में बेडों की जरूरत वाले मरीज एवं अस्पतालों में भर्तियां बहुत कम रहीं.’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली में उपचाराधीन रोगी 75000 से 78000 हैं तथा उनमें से 2500-2600 ही अस्पतालों में भर्ती हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved