मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन पूरक मांग पर विपक्ष द्वारा उठाए गए एक-एक मुद्दे का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा की जमकर आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने राज्य के हिस्से का 30 हजार करोड़ रुपए अभी तक नहीं दिया है।
विधानन सभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस के सवालों का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल के दौरान भाजपा ने जमकर राजनीति की। मंदिर खोलने को लेकर पूरी तरह से राजनीति की गई। पवार ने विरोधियों से सवाल किया कि मंदिर खोलने को लेकर इतनी जल्दबाजी क्यों थी? मंदिर खोलने का निर्णय जल्दबाजी में लिया गया होता तो विपक्ष सवाल करता कि मंदिर खोलने की इतनी जल्दबाजी क्यों थी?
अजीत पवार ने फडणवीस पर तंज कसते हुए कहा कि राज्य पर आईं प्राकृतिक आपदा के बाद मदद के लिए केंद्र के साथ पत्र व्यवहार किया गया। लेकिन केंद्र की टीम निरीक्षण तक के लिए नहीं आई। राज्य सरकार निधि खर्च करने और जनता का काम करते समय भेदभाव नहीं करती है। स्नातक व शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा की करारी हार होने के बावजूद भी भाजपा नेता हार नहीं मान रहे हैं। भाजपा नेता कहते थे पांच सीटें जीतकर आएंगे। लेकिन केवल एक सीट पर ही संतोष करना पड़ा। किसानों पर आए संकट को लेकर आघाड़ी सरकार अच्छा काम कर रही है।
पवार ने कहा कि विपक्ष का आरोप है, महाविकास आघाड़ी सरकार ने कोरोना काल में अच्छा काम नहीं किया। लेकिन महाविकास आघाड़ी सरकार कितना भी अच्छा निर्णय ले, परंतु विपक्ष को बुराई ही दिखाई देती है। केंद्र की भाजपा सरकार ने अभी तक राज्य का 30 हजार करोड़ रूपए की निधि नहीं भेजी है। फिर भी निधि के कमी के कारण काम नहीं रुका है और रुकेगा भी नहीं। पिछले पांच वर्ष में कहां कितनी निधि दी गई यह बताने को जरूरत नहीं है। (एजेंसी, हि.स.)
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