नई दिल्ली । केंद्र (Center) ने गुवाहाटी हाईकोर्ट (Guwahati High Court) के मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया (Chief Justice Sudhanshu Dhulia) और गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जमशेद बुजरेर पारदीवाला (Justice Jamshed Bujarer Pardiwala) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के न्यायाधीश (Judges) के रूप में नियुक्त करने (Appointment) की अधिसूचना जारी कर दी (Issued Notification) । सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा उनकी नियुक्ति की सिफारिश के दो दिन बाद ही केंद्र ने अधिसूचना जारी कर दी। कॉलेजियम के अध्यक्ष प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमना हैं।
कानून और न्याय मंत्रालय की एक अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया को अपने पद का कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त करते हुए प्रसन्न हैं। एक अन्य अधिसूचना में, मंत्रालय ने कहा, “राष्ट्रपति, गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति जमशेद बुजरेर पारदीवाला को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करते हुए प्रसन्न हैं।”
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के एक सुदूर गांव मदनपुर के रहने वाले हैं। वह सैनिक स्कूल, लखनऊ के पूर्व छात्र हैं और उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और कानून की पढ़ाई की है। दूसरी पीढ़ी के कानूनी पेशेवर, न्यायमूर्ति धूलिया 1986 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के बार में शामिल हुए और 2000 में अपने गृह राज्य उत्तराखंड में स्थानांतरित हो गए। वह उत्तराखंड उच्च न्यायालय में पहले मुख्य स्थायी वकील थे, और बाद में एक अतिरिक्त महाधिवक्ता बने। उन्हें 2004 में एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था। उन्हें नवंबर 2008 में उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और बाद में वह 10 जनवरी, 2021 को असम, मिजोरम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने।
जस्टिस पारदीवाला का जन्म 12 अगस्त 1965 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा अपने गृह नगर वलसाड (दक्षिण गुजरात) के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में पूरी की। उन्होंने जेपी आर्ट्स कॉलेज, वलसाड से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1988 में के. एम. मुलजी लॉ कॉलेज, वलसाड से लॉ की डिग्री प्राप्त की।न्यायमूर्ति पारदीवाला ने 1990 में गुजरात उच्च न्यायालय में कानूनी प्रैक्टिस शुरू की। उन्हें 1994 में बार काउंसिल ऑफ गुजरात के सदस्य के रूप में चुना गया था। उन्हें वर्ष 2002 में गुजरात के उच्च न्यायालय के लिए स्थायी वकील के रूप में नियुक्त किया गया था और उन्होंने 17 फरवरी, 2011 को बेंच में उनकी पदोन्नति की तारीख तक कार्यालय का पद संभाला था।
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