लखनऊ। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने रक्षा उत्पादन (Defense production) के क्षेत्र में निजी क्षेत्र (Private sector) को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही केंद्र पोषित प्रोत्साहन योजना (Center incentive scheme) शुरू करने की घोषणा की है।
उन्होंने कहा है कि सरकार प्राइवेट सेक्टर की ताकत और जरूरत को समझती है। पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर साथ मिलकर काम करेंगे तो बहुत जल्द भारत रक्षा उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा करने का मार्ग बताते हुए कहा है कि रक्षा उत्पादन में अब हमारा समय है। भारत अब एक्सपोर्ट हब बनने की ओर अग्रसर है और यूपी इसमें सबसे महत्वपूर्ण भागीदारी निभाएगा। शुक्रवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के साथ उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर के संबंध में विमर्श कर रहे थे। यूपी डिफेंस कॉरिडोर की प्रगति पर खुशी जताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औद्योगिकीकरण के प्रोत्साहन के लिए शानदार इको-सिस्टम तैयार किया है। रक्षामंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्ष में भारत का रक्षा निर्यात 334 प्रतिशत बढ़ा है। हम आज 75 देशों को रक्षा निर्यात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब हमारी सरकार डिफेंस इंडस्ट्री से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उत्तर प्रदेश में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर इस प्रतिबद्धता का परिणाम हैं। कॉरिडोर के सभी छह नोड में जल्दी ही उत्पादन शुरू हो जाएगा। लखनऊ तथा झांसी में निवेश करने वालों को जमीन भी उपलब्ध करा दी गई है। हम जल्दी ही एक केन्द्र द्वारा प्रायोजित योजना ला रहे हैं। एंकर इंडस्ट्री हों या एमएसएमई उद्योग, नई इंसेंटिव नीति में सबकी जरूरतों का ध्यान रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में आए निवेशकों द्वारा यूपी डिफेंस एक्स्पो- 2020 को अब तक का सफलतम डिफेंस एक्सपो बताए जाने पर निवेशकों के प्रति आभार जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कॉरिडोर रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री जी की ‘मेक इन इंडिया’ संकल्पना को साकार करने में भी कॉरिडोर का बड़ा योगदान होगा।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने फरवरी, 2018 में लखनऊ में उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट के शुभारम्भ अवसर पर प्रदेश में उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की घोषणा की थी। यह एक बड़ा अवसर था। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय निवेशकों की जरूरतों, सुविधाओं और अपेक्षाओं का ध्यान रखते हुए ‘उत्तर प्रदेश रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2018’ लागू की है। इसके अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कॉरीडोर के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और कोविड काल की चुनौतियों के बाद भी प्रधानमंत्री की अपेक्षा के अनुरूप डिफेंस कॉरिडोर के निर्माण के कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने बताया कि डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में 50 हजार करोड़ के निवेश से जुड़े 23 एमओयू हो चुके हैं।
बीते 14 सितम्बर को जनपद अलीगढ़ के भ्रमण के अवसर पर उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अलीगढ़ नोड की प्रगति का अवलोकन किया। बताया कि अलीगढ़ नोड में 24 कम्पनियों को भूमि का आवंटन किया जा चुका है। इनके माध्यम से 11,203 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश अनुमानित है। इसी तरह, डीआरडीओ ब्रह्मोस तथा भारत डायनमिक्स लि. द्वारा दो महत्वपूर्ण परियोजनाएं स्थापित की जा रही हैं। डिफेंस कॉरिडोर के लखनऊ नोड में ब्रह्मोस के नेक्स्ट जनरेशन मिसाइल तैयार होगी। तो भारत डायनमिक्स लि., झांसी नोड में आकाश मिसाइल में प्रयुक्त होने वाली प्रणोदन प्रणाली का निर्माण करेगी। इसके लिए भारत डायनमिक्स लि. ने झांसी नोड में 400 करोड़ के निवेश की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से देश की सैन्य शक्ति मजबूत होगी तथा राष्ट्रीय सुरक्षा को भी बल मिलेगा। निवेशकों से संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में डिफेंस सेक्टर से सम्बन्धित एचएएल, ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियां, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड आदि इकाइयां पहले से कार्यरत हैं।
उन्होंने कहा कि मार्च, 2019 में प्रधानमंत्री ने जनपद अमेठी में भारत-रूस के संयुक्त उपक्रम इंडो-राइफल्स प्रा.लि. को राष्ट्र को समर्पित किया। मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर से राज्य में विद्यमान विशाल एमएसएमई आधार को लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने उद्यमियों को प्रदेश की बेहतर कानून-व्यवस्था, निवेश अनुकूल नीतियों, जल मार्ग, सड़क मार्ग और हवाई सेवा की बेहतर कनेक्टिविटी का भी परिचय दिया। इससे पहले निवेशकों ने रक्षामंत्री व मुख्यमंत्री से उद्योगों की स्थापना व विकास के संबंध में अनेक सुझाव भी दिए गए। रक्षामंत्री और मुख्यमंत्री ने सभी को विश्वास दिलाया कि सभी सुझावों-मांगों पर जल्द ही अमल किया जाएगा।
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