नई दिल्ली। कोरोना टीकाकरण (Corona Vaccination) में मिश्रित खुराक (mixed dose) को शामिल करने के लिए सरकार ने वैज्ञानिक अध्ययन की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही अब जल्द ही एक व्यक्ति को दो अलग-अलग वैक्सीन (Vaccine) की खुराक मिल सकेंगीं क्योंकि अब तक सामने आए अन्य चिकित्सीय अध्ययनों में काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिल चुके हैं।
बृहस्पतिवार को देर रात तक चली विशेषज्ञ कार्य समिति (SEC) की बैठक में कोविशील्ड (Covishield) और कोवाक्सिन (Covaccine), इनके अलावा नाक से दी जाने वाली भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की वैक्सीन (Vaccine) और सीरिंज से दी जाने वाली कोवाक्सिन की मिश्रित खुराक पर अध्ययन की अनुमति दी गई है। जल्द ही देश भर के अस्पतालों में यह अध्ययन शुरू होगा।
कोविशील्ड और कोवाक्सिन की मिश्रित खुराक का परीक्षण
समिति के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि एक ही व्यक्ति को दो अलग-अलग वैक्सीन अब तक कई देशों में दी जा रही है। भारत (India) में पिछले दिनों उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में ऐसी घटना सामने आई थी जिसे लापरवाही माना जाएगा क्योंकि टीकाकरण कार्यक्रम में अभी हमने मिश्रित खुराक को शामिल नहीं किया है। उन्होंने बताया कि सीएमसी वैल्लोर के विशेषज्ञों से मिश्रित खुराक को लेकर प्रस्ताव भी मिला। फिलहाल इस पर अध्ययन की अनुमति दी गई है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में अध्ययन के बेहतर परिणाम मिलने के बाद इसे टीकाकरण में शामिल कर लिया जाएगा। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में अभी कम से कम तीन से चार महीने का समय लग सकता है।
समिति के सदस्य ने कहा कि कोविशील्ड और कोवाक्सिन की मिश्रित खुराक देने से कोई प्रतिकूल असर सामने नहीं आया है। उत्तर प्रदेश की घटना में भी ऐसा कोई मामला बाद में नहीं मिला था। इसलिए यह पूरी संभावना है कि वैज्ञानिक अध्ययन में कोरोना वायरस और एडिनो वायरस से बनीं दो अलग-अलग वैक्सीन एक शरीर में जाकर समान असर दिखाएंगीं। उन्होंने यह भी बताया कि वैल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने कोवाक्सिन और कोविशील्ड की मिश्रित खुराक पर अध्ययन करने की अनुमति मांगी है। इस दौरान नाक से दी जाने वाली वैक्सीन को भी शामिल किया जाएगा क्योंकि यह बच्चों के टीकाकरण में तेजी ला सकती है। अभी इस वैक्सीन पर पहले चरण का परीक्षण चल रहा है।
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