दमोह। सही ढंग से कार्य करने वाले एक डायमंड सीमेंट फैक्ट्री को बीमार उद्योग घोषित कर हाईडलवर्ग कंपनी को अरबों रुपए में बेच दिया। जिससे सरकार को करोड़ों रूपए का राजस्व नुकसान पहुंचाया गया है। मामला उजागर होते ही सरकार ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
मामला मध्यप्रदेश के दमोह जिले का है, जहां माईसेम सीमेंट प्लांट जो कभी डायमंड सीमेंट के नाम से जाना जाता था। इसी डायमंड सीमेंट फैक्ट्री को बीमार उद्योग घोषित कर हाईडलवर्ग कंपनी को अरबों रुपए में बेच दिया। अब कहीं जाकर इस मामलों में मप्र के राजस्व विभाग ने जांच के आदेश दिये हैं, हालांकि आदेश नबम्बर माह के अंतिम सप्ताह में दिये गये हैं, लेकिन इसकी प्रति वायरल होते ही मायसेम के दलालों में हड़कंप के हालात जरूर बन गये हैं।
जिले की एक मात्र वृहद औद्योगिक इकाई नरसिंहगढ़ सतपारा एवं इमलाई में सीमेंट प्लांट का संचालन करने वाली जर्मनी देश की हाईडलवर्ग कंपनी आये दिन सुर्खियों में बनी रहती हैं, लेकिन चलित ईकाई को बीमार बताकर करोड़ों रूपयों का राजस्य नुकसान पहुंचाना यह कहां का न्याय संगत है। उक्त मामले को लेकर कोई भी जिम्मेदार कुछ भी कहने से बच रहा है।
क्या है मामला-
दमोह की एक वृहद औघोगिक ईकाई को लेकर जांच के आदेश दिये गये हैं। मामला हेडलवर्ग एजी कंपनी जर्मनी को अरबों रुपए में बेचने, रॉयल्टी स्टांप शुल्क जमा नहीं करने नरसिंहगढ़ का फाइनल माइक क्लोज प्लांट बंद करने अवैध रूप से 11.64 हेक्टेयर भूमि का आवंटन कराने भूमि का अधिग्रहण कानून 2013 का उल्लंघन करने एवं श्रम कानून का उल्लंघन करने पर कंपनी के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही करने के लिए जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र ने हाल ही में एक पत्र प्रबंध संचालक औद्योगिक केंद्र विकास निगम जबलपुर को 26 नवंबर को लिखा गया है। औद्योगिक केंद्र विकास निगम जबलपुर को दमोह उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक द्वारा पत्र भेजा गया है। जिस की प्रतियां कलेक्टर एसपी के अलावा खनिज विभाग को भी जांच कार्रवाई के लिए प्रेषित की गई हैं।(हि.स.)
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