इंदौर (Indore)। बारिश में शहर की 40 से ज्यादा डामर की उधड़ती सडक़ों को लेकर निगम को नया विकल्प मिल गया है। अब डामर की सडक़ों को पूरा खोदने के बजाय उन पर ही सीमेंट की लेयर चढ़ा दी जाएगी, जिससे वर्षाकाल में सडक़ों पर गड्ढे नहीं होंगे। गुजरात पैटर्न पर बनने वाली इन व्हाइट टापिंग सडक़ों पर 15 साल तक मेंटेनेंस का झंझट नहीं रहेगा। प्रयोग के तौर पर फिलहाल राजबाड़ा और एमवाय के सामने वाले डामर मार्ग की सडक़ों पर यह काम आने वाले दिनों में शुरू होना है। इसके लिए शहर की एक फर्म को 60 लाख में ठेका दिया गया है। डामर की सडक़ों की मरम्मत के नाम पर निगम को हर साल करोड़ों की राशि खर्च करना पड़ती है।
उसके बावजूद सडक़ों पर गड्ढे बने रहते हैं, लेकिन अब इसके विकल्प के तौर पर एक सीमेंट कंपनी और कुछ अन्य स्थानीय एजेंसियों ने डामर की सडक़ों पर सीमेंट की लेयर चढ़ाकर व्हाइट टापिंग सडक़ें बनाने का प्रेजेंटेशन दिया था। इसमें दावा किया गया है कि 15 साल तक सडक़ों को कोई नुकसान नहीं होता है और सडक़ बनाने वाली एजेंसी ही वर्षों तक इसकी देखरेख का जिम्मा संभालती है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव और जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर ने बताया कि अब प्रयोग के तौर पर राजबाड़ा के ठीक सामने वाली डामर की सडक़ और एमवाय अस्पताल के सामने डामर की सडक़ पर यह कार्य शुरू कराया जाएगा। फिलहाल निगम द्वारा दो स्थानों पर 60 लाख रुपए में एक एजेंसी को काम सौंपा जा रहा है। अगर यह प्रयोग सफल रहा तो शहर की 40 से ज्यादा डामर की सडक़ों पर व्हाइट टापिंग का कार्य कराया जाएगा।
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