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    इंदौर में भी प्रकोष्ठ स्वामित्व अधिनियम लागू, फ्लैटधारकों को मिलेगी राहत

  • April 25, 2022

     

    कलेक्टर ने एसडीएम को किया सक्षम अधिकारी घोषित, रहवासी कल्याण संघों के पंजीयन से लेकर अधिनियम की विभिन्न धाराओं का सख्ती से करवाएंगे पालन
     इंदौर। प्रदेश सरकार (State Government) ने दो साल पहले मध्यप्रदेश प्रकोष्ठ स्वामित्व अधिनियम-2000 (Cell Ownership Act-2000) का नोटिफिकेशन (Notification) जारी किया था, मगर कोरोना (Corona) के चलते इसे लागू नहीं किया जा सका। अब कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने इस अधिनियम को इंदौर जिले (Indore district) में लागू करने के संबंध में विस्तृत आदेश जारी किए हैं, जिसमें संबंधित एसडीएम को उनके क्षेत्र में आने वाली सभी बहुमंजिला इमारतों (multi-storey buildings)  और उनमें बनने वाले रहवासी कल्याण संघों के पंजीयन और नियमन के लिए सक्षम अधिकारी घोषित किया है। इस अधिनियम के लागू होने से हजारों फ्लैटधारकों (flat holders) को राहत मिलेगी और क्षेत्र के एसडीएम आवेदन मिलने के बाद उसका परीक्षण कर रहवासी संघ के गठन के आदेश सहकारिता विभाग (Co-operative Department) को दे सकेंगे। वहीं कालोनियों के संबंध में सीधे सहकारिता विभाग में ही रहवासी संघों का पंजीयन होगा। अभी उक्त अधिनियम के अभाव में रहवासी संघों के गठन से लेकर बहुमंजिला इमारतों के रखरखाव में परेशानी आती है। पहले फर्म एवं सोसायटी के साथ सहकारिता विभाग में रखरखाव समितियों का पंजीयन होता रहा। वहीं प्रकोष्ठ स्वामित्व अधिनियम में सहकारिता के साथ-साथ प्राइवेट लिमिटेड में कंडोमेनियम बनाने का भी प्रावधान है।


    मध्यप्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने चार साल पहले उक्त अधिनियम तो बना दिया था, मगर उसके नियमों का प्रकाशन नहीं किया, जिसके चलते उक्त अधिनियम इंदौर सहित प्रदेशभर में अभी भी ठीक तरीके से लागू नहीं हो सका। यहां तक कि पुलिस, प्रशासन, निगम, सहकारिता विभाग या अन्य संबंधित विभागों को भी इस अधिनियम के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। वहीं 25.10.2019 को प्रदेश सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी करवाया, जिसमें प्रत्येक बहुमंजिला भवन के फ्लैटधारकों के लिए रहवासी संघ के गठन का प्रावधान किया गया। मध्यप्रदेश प्रकोष्ठ स्वामित्व अधिनियम-2019 के मुताबिक एक तिहाई प्रकोष्ठों, यानी फ्लैटों का आवंटन, विक्रय होने पर सक्षम प्राधिकारी के पास रहवासी संघ के पंजीयन के लिए आवेदन किया जाना चाहिए। रेरा मध्यप्रदेश के नियमों में भी इसका स्पष्ट उल्लेख है, मगर अभी तक प्रशासन बहुमंजिला भवनों के रहवासी संघों के पंजीयन और उनके नियमन, यानी रेग्यूलेशन के संबंध में कोई नियम नहीं बना सका था। मगर इंदौर में कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की और गृह निर्माण संस्थाओं के फर्जीवाड़े से लेकर उन कालोनाइजरों-बिल्डरों को भी नहीं बख्शा, जिन्होंने आम जनता के साथ फ्लैट या प्लॉट की बुकिंग कर रजिस्ट्री न करवाते हुए धोखाधड़ी की। कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) का स्पष्ट कहना है कि रियल इस्टेट के कारोबार में शुद्धता लाने के लिए जो अभियान निरंतर चलाया जा रहा है उसी कड़ी में अब मध्यप्रदेश प्रकोष्ठ स्वामित्व अधिनियम-2000 के प्रावधानों को भी लागू किया जा रहा है, ताकि हजारों फ्लैटधारकों को राहत मिल सके। वहीं कलेक्टर सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि कालोनियों के लिए भूखंडधारक रहवासी संघ बनाकर उसका आवेदन सीधे सहकारिता विभाग में कर सकेंगे। वहीं बहुमंजिला इमारतों के लिए प्रकोष्ठ अधिनियम के तहत पहले एसडीएम के समक्ष आवेदन करना होगा और फिर वहां से मंजूरी के बाद सहकारिता विभाग रहवासी संघ का गठन कर देगा। इस संबंध में सहकारिता विभाग को भी निर्देश दिए गए हैं कि प्राथमिकता से इन रहवासी कल्याण संघों का पंजीयन करें।

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