• img-fluid

    गुुरु नानक देव प्रकाशोत्सव और कार्तिक पूर्णिमा की धूम

  • November 19, 2021

    • गुरुद्धारो में हुआ आयोजन, नर्मदा नदी पर लगाई डुबकी, शाम को होगा दीपोत्सव

    जबलपुर। सिख धर्म के प्रवर्तक श्री गुरु नानक देव जी का 552 वां शताब्दी प्रकाशोत्सव आज शहर में धूमधाम से मनाया गया। जिसकों लेकर शहर के गुरुद्धारों में आकर्षक साज-सज्जा की गई थी, जहां सुबह से आयोजन हुए और शाम तक लंगर वितरित किया गया। मढ़ाताल गुरुद्धारे में कीर्तन दरबार में मशहूर रागी व प्रचारकगण गुरुमीत सिंह, दलजीत सिंह, इकबाल सिंह, नरिन्दर सिंह, राहुल सिंह आदि गुरुवाणी शब्द कीर्तन एवं कथा प्रवाह चलाया। वहीं कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सुबह से ही लोग नर्मदा तटों पर पहुंचे और डुबकी लगाकर सभी की मंगल कामना की प्रार्थना की। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का जयंती प्रकाश पर्व के रूप में देश भर में मनाई जा रही है।


    सिक्खों के प्रथम गुरू रहे गुरू नानक ने अपने समय में हिंदू और मुसलमानों पर समान रूप से प्रभाव डाला था। सामाजिक और जीवन से संबंधित कुरीतियों को खत्म करने उपदेश देने के साथ उन्होंने ईश्वर प्राप्ति की ऐसी आध्यात्मिक राह दिखाई थी जो आम लोगों के लिए सहज थी जिसमें किसी तरह के कर्मकांड और प्रपंच नहीं थे। गुरु नानक देव जी की जन्मतिथि कार्तक पूर्णिमा का दिन मानी जाती है जो दिवाली के 15 दिन का बाद आती है.।सिख समुदाय के लोग इसी दिन उनका जन्मदिन पूरबपर्व या प्रकाशोत्व के रूप में मनाते हैं।

    गायत्री परिवार का दीप यज्ञ
    कार्तिक पूर्णिमा पर गायत्री परिवार द्वारा हर वर्ष दीप यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इसी तारतम्य में आज शाम 5 से 7 बजे तक 5100 दीपों के द्वारा नर्मदा शुद्धि अभियान का आयोजन ग्वारीघाट में किया गया है। आचार्य श्रीराम शर्मा का कथन था कि नदियां हमारी संस्कृति संस्कार और अध्यात्म का प्रतीक होती हैं। इसलिए इन्हें शुद्ध एवं साफ रखना हम सभी का कर्तव्य है। गायत्री शक्तिपीठ ट्रस्ट मंडल द्वारा सभी श्रद्धालुओं से उपस्थिति की अपील की गई है। वहीं संस्कारधानी लखेरा समाज संगठन द्वारा उमाघाट में शाम 6 से रात 8 बजे तक दीपोत्सव कार्यक्रम समाज के वरिष्ठजनों की उपस्थिति में मनाया जाएगा।

    कार्तिक पूर्णिम पर नर्मदा तट पर जगमगायेंगे दीप
    कार्तिक पूर्णिमा पर आज शुक्रवार 19 नवंबर को शहर में अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गये है। नर्मदा तटों पर विशेष रूप से कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जिसमें दीपों से घाटों को जगमग किया जाएगा। आयोजन को लेकर बड़े स्तर पर तैयारियां चल रही है। ग्वारीघाट उमाघाट में अयोध्या की तर्ज पर जहां 25 हजार दीप जगमगाएंगे वहीं भेड़ाघाट से नर्मदा पंचकोसी परिक्रमा निकाली जाएगी। जानकारों की माने तो देव दीवाली के दिन पवित्र नदी के जल से स्नान करके दीपदान करना चाहिए। ये दीपदान नदी के किनारे किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन शिव जी ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था और विष्णु जी ने मत्स्य अवतार भी लिया था। इसलिए इसे देव दीवाली भी कहते हैं।

    Share:

    सिंग इज किंग, चौथी बार अध्यक्ष बने सैनी

    Fri Nov 19 , 2021
    कांग्रेस समर्थित सैनी की जीत से वकीलों में हर्ष, जिला अधिवक्ता संघ चुनाव में सचिव पद की मतगणना हुई शुरु जबलपुर। जिला अधिवक्ता संघ चुनाव में एक मर्तबा फिर सिंग इज किंग की एंट्री हुई है। एसबीसी के बाईस चेयरमेन व कांग्रेस समर्थित आरके सिंह सैनी ने अपने प्रतिद्धंदियों को शिकस्त देते हुए विरोधियों को […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शुक्रवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved