नई दिल्ली। मैंने देखा कि चारों तरफ धुंआ है और उसके बीच आदमी जल रहा है, दो तीन आदमी जल रहे हैं, फिर वो नीचे गिर गए। मैं डर गया, दौड़ता हुआ वापस लौटा और लोगों से कहा कि पुलिस को बुलाओ, फायरब्रिगेड की गाड़ी बुलाओ। पेड़ उखड़ गए थे। धमाके से बिजली के खंबे तक हिल गए। ये बातें उस चश्मदीद ने कही हैं जो हैलिकाप्टर क्रैश के तुरंत बाद वहां पहुंचा था। इस हादसे में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत (Cds Bipin Rawat) , उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई। चश्मदीद ने बताया कि मेरा नाम कृष्णास्वामी है। मैं नानजप्पा सैथिराम में रहता हूं। मैं घर के भीतर था जब धमाके की आवाज सुनी और मैं बाहर निकला. कृष्णास्वामी 68 साल के हैं।
कृष्णास्वामी ने बताया कि वह अपने घर में टूटे हुए पाइप को सुधार रहे थे, उनके साथ चंद्र कुमार भी था। धमाके की आवाज सुनने के बाद वे घटनास्थल पर पहुंचे और देखा कि चारों तरफ धुआं और आग है। इस बीच उन्होंने एक आदमी को जिंदा जलते हुए देखा। कृष्णास्वामी ने कहा कि नजारा देख कर मैं सहम गया, कुछ देर में ही अधिकारी आ गए। उसके बाद कृष्णास्वामी घर लौट आए और लेट गए।
गौरतलब है कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत को ले जा रहा भारतीय वायुसेना का एक हेलिकॉप्टर बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर के निकट दुर्घटनाग्रस्त (Coonoor Helicopter Crash) हो गया। इस हेलिकॉप्टर में जनरल रावत के साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी सवार थीं। सीडीएस बिपिन रावत सुबह करीब 9 बजे दिल्ली से स्पेशल एयरक्राफ्ट के जरिए रवाना हुए थे। इस विमान में उनके साथ उनकी पत्नी और 9 लोग सवार थे. वह दिल्ली से सूलूर फिक्स्ड विंग से गए थे. सूलूर से वेलिंगटन की दूरी 53 किलोमीटर थी।
जानकारी के मुताबिक सीडीएस बिपिन रावत का स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन में 2:45 बजे एक लेक्चर था। इस हेलिकॉप्टर में जनरल बिपिन रावत, सीडीएस के अलावा उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एलएस लीडर, लेफ्टिनेंट हरजिंदर सिंह, एनके गुरसेवक सिंह, एनके जितेंद्र सिंह, L/NK विवेक कुमार, L/NK बी. साई तेजा, HAV सतपाल मौजूद थे। सीडीएस रावत तमिलनाडु स्थित वेलिंगटन में डिफेंस स्टाफ कॉलेज जा रहे थे।
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