भोपाल। कुन्नूर हेलीकॉप्टर क्रैश (Coonoor Helicopter Crash) में दिवंगत CDS बिपिन रावत (Late CDS Bipin Rawat ) की दिवंगत पत्नी मधुलिका रावत (Madhulika Rawat) के भाई ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. यशवर्धन सिंह ने सोशल मीडिया (Social Media) में एक पोस्ट लिखकर न्याय की गुहार लगाई है. उन्होंने लिखा बिपिन और मधुलिका रावत के ठीक अंतिम संस्कार के वक्त शहडोल में उनके घर में बनी पुरखों की समाधि नष्ट कर दी गयीं।
मधुलिका रावत के भाई यशवर्धन सिंह ने सोशल मीडिया में पोस्ट किया। उन्होंने लिखा- जिस दिन जीजाजी बिपिन रावत और दीदी मधुलिका रावत का अंतिम संस्कार किया जा रहा था. ठीक उसी वक्त भारत सरकार के आदेश पर शहडोल स्थित हमारे घर के कैंपस में बनी पुरखों की समाधि नष्ट कर दी गयीं और पेड़ काट दिये गए। यशवर्धन का कहना है जमीन अधिग्रहण किये बिना ऐसा किया गया। नेशनल हाईवे बनाने के लिए जमीन खाली की गयी है।
पुलिस पर आरोप
बिपिन रावत के साले यशवर्धन सिंह ने आगे लिखा– हमारे किसी हस्तक्षेप पर स्थानीय पुलिस को हमारे खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी किया गया है। यशवर्धन सिंह ने बताया कि उनकी उस जमीन पर भी निर्माण किया जा रहा है जिसका अधिग्रहण ही नहीं किया गया, जबकि पहले से अधिग्रहित जमीन का मुआवजा अभी तक नहीं दिया गया है।
गृह मंत्री ने लिया संज्ञान
मामला सामने आने पर प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस पर ध्यान दिया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि यशवर्धन जी की सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट मेरे देखने में आई है. मैंने इस विषय में एसपी शहडोल से बातचीत कर निर्देश दिए हैं. पूरा मामला मेरी जानकारी में लाए बिना पुलिस किसी भी तरह का कोई कदम उनके या उनके परिवार के खिलाफ नहीं उठाए. अगर पुलिस ने किसी भी तरह का पूर्वाग्रह इस मामले में बरता है और किसी भी तरह की अवैधानिक कार्रवाई की गई है तो मैं खुद पूरे मामले को देखूंगा जो भी दोषी होगा उस पर कड़ी कार्रवाई होगी।
कांग्रेस ने कहा-ये दोहरा चरित्र
इस मामले में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह बीजेपी सरकार का दोहरा चरित्र उजागर करता है। एक तरफ बीजेपी के नेता श्रद्धांजलि के नाम पर तस्वीरें खिंचा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के परिजनों को किस तरह प्रताड़ित किया जा रहा है। यह सब के सामने आ चुका है। बीजेपी ने इस पर सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए कहा है जमीन अधिग्रहण के मामलों में नियम के तहत कार्रवाई होती है. इस मामले में अधिकृत व्यक्ति ही बयान जारी कर सकते हैं।
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